कानपुर: साकेत दरबार का काला सच सामने, विषकन्याओं का सप्लायर टोनू यादव गिरफ्तार

कानपुर: आखिरकार, शिकार करने के लिए साकेत दरबार हेतु विषकन्याओं का इंतजाम करने वाला खाकी के हत्थे चढ़ गया। आशियाने में दबिश के कुछ ही घंटों बाद कमिश्नरेट पुलिस ने अखिलेश दुबे के शागिर्द टोनू यादव को नौबस्ता बाईपास के पास से दबोच लिया। सख्त सवालों के दबाव में घबराए सप्लायर ने तमाम राजफाश किए हैं।

टोनू के खुलासे के बाद, साकेत दरबार के लिए दलाली करने वाले ब्राह्मण पिता-पुत्र की जोड़ी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि साकेत दरबार के सिंडिकेट में तीन दर्जन से अधिक विषकन्याएं जुड़ी थीं। शहर के अलग-अलग जोन में शिकार फंसाने के लिए विषकन्याओं की अलग-अलग टीम बनाई गई थी। विषकन्याओं की टीम की मुखिया स्वयंभू कानपुर सुंदरी बताई गई है।

पांच हजार से पचास हजार की कीमत वाली विषकन्याएं
रवि सतीजा की हिम्मत के बाद साकेत दरबार के काले कारनामे सामने आए। पुलिस पड़ताल में टोनू यादव का नाम सामने आया। रईसजादों और रसूखदारों को शिकार बनाने के लिए टोनू ही बस्ती की लड़कियों को पैसों के लालच में तैयार करता था। पुलिस जांच में पता चला कि शिकार के हिसाब से विषकन्याओं की कीमत पांच हजार से पचास हजार रुपए तक थी।

यदि किसी कारोबारी या सार्वजनिक हस्ती को शिकार बनाना होता था, तो टोनू यादव उस्मानपुर बस्ती से पांच-दस हजार में लड़की मुहैया कराता था। वहीं, यदि शिकार अधिक शौकीन किस्म का होता, तो स्वयंभू शहर-सुंदरी या दिल्ली की मंडी से विषकन्या बुलाकर होटल के आलीशान कमरे में शिकार कराया जाता।

पिता-पुत्र के इशारे पर नाचती थी स्वयंभू सुंदरी
पुलिस जांच में पुख्ता साक्ष्य मिले कि कभी-कभी स्वयंभू सुंदरी विषकन्या का किरदार निभाती थी और जरूरत के अनुसार दिल्ली-कोलकाता से लड़कियों को बुलाती थी। अधिकांश मामलों में ये लड़कियां मेहमानों को खुश करने के लिए इस्तेमाल होती थीं। पुलिस को जानकारी मिली कि दक्षिण शहर के ब्राह्मण पिता-पुत्र के इशारे पर स्वयंभू सुंदरी संगठन की महिला विंग की कर्ता-धर्ता थी।

एफआईआर के बाद परदेस भेजी गईं विषकन्याएं
रविवार की सुबह नौबस्ता बाईपास से गिरफ्तार टोनू यादव से पुलिस की पूछताछ देर शाम तक जारी रही। टोनू ने बताया कि पिछले बीस साल में साकेत दरबार के लिए तीन दर्जन से अधिक लड़कियों का फर्जी आरोप लगाकर इस्तेमाल किया गया। कुछ लड़कियां समय के साथ सिंडिकेट से दूर हो गईं, जबकि रवि सतीजा की तहरीर पर बर्रा थाने में पहली एफआईआर दर्ज होने के बाद साकेत दरबार से जुड़ी तमाम विषकन्याओं को झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के गुप्त ठिकानों पर भेज दिया गया।

पिता-पुत्र अब खाकी के निशाने पर
टोनू यादव के खुलासे के बाद दक्षिण शहर के ब्राह्मण पिता-पुत्र की जोड़ी का नाम साकेत दरबार के लिए शिकार खोजने और दलाली करने के मामले में सामने आया। कथित तौर पर विकास के लिए संगठन चलाने वाले पिता-पुत्र का मुख्य काम विवादित जमीन-पार्क के साथ-साथ विकास प्राधिकरण में भटकने वाले शिकार खोजकर दरबार तक पहुंचाना था। एसआईटी के पास पहुंची तमाम शिकायतों में ब्राह्मण कर्मचारी नेता के पुत्र का नाम भी अभियुक्त के रूप में शामिल है।

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