बहराइच : चार ऑटो पर 70 बोरी खाद, भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी एवं पुलिस ने किया सीज

बहराइच : भारत-नेपाल सीमा पर लगातार हो रही खाद तस्करी को 59वीं बटालियन एसएसबी और पुलिस ने रोकते हुए 70 बोरी खाद चार ऑटो रिक्शा से बरामद की है।

कृषि विभाग की सूचना के आधार पर भारत-नेपाल सीमा पर पुलिस व एसएसबी की संयुक्त टीम ने लौकाही क्षेत्र में गश्त के दौरान यह कार्रवाई की। लखीमपुर खीरी से लाकर बहराइच के जरिए नेपाल भेजने की फिराक में चार ऑटो ड्राइवर खाद लेकर जा रहे थे। गश्त के दौरान टीम ने चारों ऑटो और उन पर लदी 70 बोरी उर्वरक को जब्त कर लिया। सभी चालक लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह खाद लखीमपुर खीरी से लाई जा रही थी। पुलिस ने चारों ऑटो को सीज करते हुए चारों अभियुक्तों को जेल भेज दिया है।

जिला कृषि अधिकारी डॉ. सूबेदार यादव ने बताया कि जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के निर्देश पर जनपद के कृषकों को उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से कृषि, पुलिस व एसएसबी की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। डीएम के अनुमोदन उपरांत थाना मोतीपुर में सभी अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया और बरामद उर्वरक को जब्त करने की कार्यवाही की गई।

डॉ. यादव ने बताया कि डीएम के निर्देशानुसार पुलिस व एसएसबी की टीमें लगातार सीमा पर नजर बनाए हुए हैं तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित उर्वरक दुकानों के स्टॉक और बिक्री की नियमित जांच की जा रही है। पुराना स्टॉक खत्म होने पर ही नई खाद की आपूर्ति की जा रही है।

जिला कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि वे आवश्यकता अनुसार ही यूरिया क्रय करें। थाना मोतीपुर क्षेत्र में अवांछित गतिविधियों की अधिक संभावना को देखते हुए लगातार छापेमारी की जा रही है। दुकानदारों को निर्देशित किया गया है कि ई-पास मशीन के माध्यम से ही नियमानुसार खाद की बिक्री करें। गाइडलाइन के विपरीत पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अवांछित कार्यों में संलिप्त लोगों में हड़कंप मच गया है। डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि भविष्य में कोई भी विक्रेता या व्यक्ति उर्वरक तस्करी में सम्मिलित पाया गया तो उसके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 एवं उर्वरक परिसंचरण अधिनियम 1973 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह धरपकड़ की कार्रवाई 59वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल नानपारा के सहायक कमांडेंट पलास लूथरा के नेतृत्व में स्तंभ संख्या 668 के निकट पुलिस चौकी इंचार्ज बलई गांव शिवेंद्र शुक्ला के सहयोग से की गई, जो बॉर्डर पर एक बड़ी कार्रवाई साबित हुई।

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