राजभवन : राज्यपाल ने प्रगतिशील किसानों से किया संवाद, ऑर्गेनिक खेती और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा पर जोर

लखनऊ : प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन, लखनऊ में विभिन्न जनपदों से आए 57 प्रगतिशील किसानों से संवाद किया। संवाद से पूर्व सभी किसानों ने राजभवन का भ्रमण किया और राजभवन उद्यान में की जा रही विविध प्रकार की खेती को देखा। इस दौरान किसानों ने राजभवन उद्यान में उगाई जाने वाली फसलों और सब्जियों को लेकर अपने सुझाव दिए तथा राजभवन में अपनाई गई कृषि पद्धतियों की सराहना की।

किसानों ने कहा कि राज्यपाल जी किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, जो अपने जिलों के भ्रमण के दौरान लगातार किसानों को प्रोत्साहित और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, जिससे प्रदेश के किसान निरंतर प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने राजभवन को एक ऐसी ‘प्रयोगशाला’ बताया जो किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। संवाद के दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं भी राज्यपाल जी के समक्ष रखीं।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को आगे बढ़ाने के लिए गंभीरता से कार्य कर रहे हैं।

ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में परीक्षण टेस्टिंग की व्यवस्था होनी चाहिए और इन उत्पादों की बिक्री के लिए अलग से बाजार भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे स्वयं किसान की बेटी हैं, किसानों से मिलना और उनके लिए कार्य करने में उन्हें खुशी होती है।
राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2003 में गुजरात में ड्रिप इरीगेशन की शुरुआत उनकी अध्यक्षता में हुई थी और आज गुजरात के किसान इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश के चारों कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति एक समिति बनाकर किसानों की ऑर्गेनिक फसलों की नियमित टेस्टिंग की व्यवस्था करें तथा किसानों को आगे बढ़ाने में सहायता करें।


राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के अध्यापक और विद्यार्थी नई तकनीक के प्रयोग से उपयोगी मशीनें विकसित कर रहे हैं। इन मशीनों की मार्केटिंग कर उन्हें किसानों तक पहुँचाना आवश्यक है, ताकि किसान इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने बताया कि राजभवन में आयोजित फ्लावर एग्ज़िबिशन में विभिन्न जनपदों के किसान अपने-अपने उत्पादों का प्रदर्शन करते हैं। इस अवसर पर हेल्थ कैंप लगाकर किसानों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच कराई जाती है और उनके उपचार के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।


उन्होंने स्वतंत्रता के बाद देश में आए बदलावों का उल्लेख करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘जय जवान, जय किसान’ का संदर्भ दिया तथा कहा कि जब जवान और किसान दोनों मजबूत होंगे, तभी देश मजबूत होगा। कोरोना काल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे थे, तब भी किसान खेतों में कार्यरत थे और देश की अन्न आवश्यकता पूरी कर रहे थे।
राज्यपाल ने महिला किसानों को भी राजभवन में आमंत्रित कर उनसे संवाद करने की बात कही। उन्होंने गुजरात में आयोजित महिला सम्मेलनों का उल्लेख किया, जहां महिलाएं बड़े उत्साह से शामिल होती थीं और प्रधानमंत्री जी का संबोधन सुनती थीं। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं कृषि, दुग्ध उत्पादन और विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी हैं, उनके बैंक खातों में सीधे भुगतान होता है और उनकी आर्थिक भागीदारी देश को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण है।

राज्यपाल ने कहा कि किसानों की बात सुनना और उनकी समस्याओं का समाधान करना उनका दायित्व है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राजभवन किसानों के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा। 16 किसानों ने राज्यपाल जी को अपने-अपने विशेष उत्पाद भेंट किए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, सभी प्रगतिशील किसान, राजभवन के अधिकारी कर्मचारी सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

ये भी पढ़ें: प्रयागराज : विवाहिता की आत्महत्या, सुसाइड नोट में पति और प्रेमी पर गंभीर आरोप


झाँसी : मोंठ कोतवाल अखिलेश कुमार द्विवेदी को मिला सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

तारा – वीर ने सोशल मीडिया पर लुटाया प्यार थाईलैंड – कंबोडिया सीमा विवाद फिर भडका तेजस्वी के खिलाफ बोल रहे थे विजय सिन्हा, तभी दे दिया जवाब ‘मारो मुझे मारो… दम है तो मारो लाठी…’ पेट्रोल पंप पर महिला का हाई वोल्टेज ड्रामा, वीडियो वायरल