
संभल : चार अलग-अलग आपराधिक मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे भाजपा पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल के खिलाफ अदालत ने बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ने धारा 84 बीएनएसएस के अंतर्गत उद्घोषणा का आदेश जारी किया है, जिसके तहत आरोपी को भगोड़ा घोषित किया गया है।
विवेचक द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित हुआ। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि कपिल सिंघल 12 सितंबर 2025 को निर्धारित अगली पेशी में हाजिर नहीं होता, तो उसके खिलाफ इनाम घोषित किया जाएगा और इसके एक महीने बाद कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी।
चार मुकदमों में आरोपित, लंबे समय से फरार
जानकारी के अनुसार, कपिल सिंघल के खिलाफ कुल चार प्राथमिकी दर्ज हैं
कैलादेवी थाना: स्क्रैप फैक्ट्री में चोरी के वाहन काटे जाने और सील बंद फैक्ट्री में सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में दो एफआईआर।
कोतवाली संभल: मारपीट और धोखाधड़ी का मामला, जिसमें आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे आदेश ले रखा है।
नखासा थाना: एक अन्य आपराधिक मामला, जिसमें भी वह फरार है।
आत्मसमर्पण का वादा, लेकिन पेशी से बचता रहा
दो महीने पहले कपिल सिंघल ने संभल सिविल न्यायालय में अधिवक्ता के माध्यम से आत्मसमर्पण के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन निर्धारित तारीख पर वह अदालत में पेश नहीं हुआ। इस बार भी अदालत ने साफ निर्देश दिए हैं कि उसकी पेशी सुनिश्चित करने के लिए समन जारी किए जाएं, और यदि किसी प्रकार का स्थगन आदेश आता है, तो उसका निरस्तीकरण कर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जाए।
पुलिस की तैयारी
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि अदालत द्वारा तय तारीख तक आरोपी पेश नहीं होता, तो पहले इनाम घोषित किया जाएगा और इसके एक महीने बाद उसकी संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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