
Kishtwar Cloudburst : उत्तरकाशी के धराली में आपदा के दर्द से देश अभी उबर भी नहीं पाया था कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में माता चंडी के मंदिर के मचैल यात्रा मार्ग पर गुरुवार को बादल फटने से भारी तबाही आ गई। घर, लंगर स्थल, वाहन तिनके की तरह बहते नजर आए। अभी तक 46 शव बरामद किए जा चुके हैं और करीब 120 लोग घायल हैं।
गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती कस्बे में माता चंडी के मंदिर के मचैल यात्रा मार्ग पर बादल फटने से भारी तबाही हुई। इस घटना में 46 शव बरामद किए गए हैं और 120 लोग घायल हैं जबकि 200 से ज्यादा लापता हैं। इनमें अधिकतर मचैल माता के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु, लंगर वाले और सुरक्षाकर्मी बताए जा रहे हैं। सीआईएसएफ के दो जवान भी बलिदान हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक, मलबे के ढेर के नीचे से 167 लोगों को बाहर निकाला गया है। बचाव कार्य जारी है और यात्रा को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस-प्रशासन, सेना व सुरक्षाबलों ने बड़े स्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। रात को यात्रा मार्ग पर अंधेरा होने के कारण अभियान रोकना पड़ा।गृह मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। स्वतंत्रता दिवस समारोह रद्द कर दिया गया है।
बादल फटते ही आई धमाके जैसी आवाज
एक पीड़ित ने बताया कि हम वहीं थे… अचानक एक धमाके जैसी आवाज आई और बादल फटने के बाद हम वहां से निकलने लगे। लेकिन 2 मिनट के अंदर ही वहां 4 फीट मलबा आ गया। हम कुछ लोगों को बचा पाए, लेकिन कुछ लोग फंस गए। हम 11 लोग थे, हम सुरक्षित हैं, लेकिन मेरी बेटी और मेरी पत्नी मलबे में फंस गए थे, और अब उनकी हालत स्थिर है।
अन्य पीड़ित ने कहा- मैं कार में फंस गई… और मां बिजली के खंभे में
बचाए जाने के बाद किश्तवाड़ में अचानक आई बाढ़ के एक पीड़िता ने कहा कि जब बादल फटा, तो हम उड़ गए और मैं एक कार के नीचे फंस गई… मेरी मां एक बिजली के खंभे के नीचे फंस गई। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और सेना और सीआरपीएफ के वाहन तुरंत पहुंच गए।
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