
Supreme Court Order On Stray Dogs : दिल्ली-NCR की सड़कों पर कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 11 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले का असर पूरे देश में देखा जा रहा है। कर्नाटक के एक नेता ने खुलासा किया है कि उन्होंने करीब 2500 कुत्तों को मरवाकर दफन कराया है।
दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने पूरे देश में नई बहस छेड़ दी है। कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के आदेश पर जनता की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं- कोई इसका समर्थन कर रहा है, तो कोई इसे क्रूर फैसला बता रहा है। इसी बीच, कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य एसएल भोजेगौड़ा ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने इस मुद्दे को और तेज कर दिया है।
विधायक का दावा- कुत्तों को मरवाकर दफनाया
विधान परिषद की एक बैठक में जेडीएस के एमएलसी एसएल भोजेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में 2500 आवारा कुत्तों को मरवाया और उन्हें पेड़ों के नीचे दफना दिया ताकि वे प्राकृतिक खाद बन सकें। उनके इस बयान ने सदन के अंदर और बाहर बवाल मचा दिया।
अभी कुत्तों को हटाने का कोई नियम नहीं
नगर प्रशासन मंत्री रहीम खान ने बताया कि मौजूदा कानूनों के कारण आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल नसबंदी और टीकाकरण ही इसका समाधान हैं। इस पर भोजेगौड़ा ने पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए कहा कि यदि कोई आवारा कुत्तों को हटाने का विरोध करता है, तो सरकार को उन्हें 10 कुत्तों को उनके घरों में छोड़ देना चाहिए।
विरोध करने वालों के घरों में छोड़ दें कुत्ते
भोजेगौड़ा ने कहा कि हम लगातार कुत्तों के काटने के मामले देख रहे हैं, और पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। यदि कोई आवारा कुत्तों को हटाने का विरोध करता है, तो सरकार को कुछ कुत्तों को उनके घरों में छोड़ देना चाहिए ताकि उन्हें असलियत का पता चले। उन्होंने पूछा कि यदि कोई आवारा कुत्ता उनके बच्चों को काट ले, तो वे क्या करेंगे?
कर्नाटक में डॉग बाइट के दो लाख से ज्यादा मामले
सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर में आठ हफ्तों के भीतर आवारा कुत्तों को शेल्टर में रखने के आदेश के बाद यह मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। कर्नाटक में भी, जहां अब तक 2.4 लाख से अधिक डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं और 19 मौतें हुई हैं, विधायक और एमएलसी इस समस्या को गंभीरता से उठा रहे हैं।
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