शिमला में तबाही का मंजर : 20 से ज्यादा पेड़ गिरे, कई सड़कें बंद, भूस्खलन से यातायात ठप

शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश के कारण कई स्थानों पर पेड़ गिरने और भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिससे व्यापक नुकसान हुआ। शहर में 20 से अधिक पेड़ गिरने से कई सड़कें बंद हो गईं और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

रात को खलीनी में मिस्ट चैंबर के पास सड़क पर पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। झंझीड़ी की हरि नंद कॉलोनी में सुखराम शर्मा के घर पर सूखा देवदार का पेड़ गिरा। उन्होंने एक साल पहले पेड़ काटने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन मंजूरी न मिलने के कारण यह हादसा हो गया। स्थानीय लोगों ने इलाके में खड़े अन्य सूखे पेड़ों को तुरंत हटाने की मांग की है।

भारी बारिश से नाले उफान पर आ गए और बड़ी मात्रा में गाद आने के कारण शिमला की सभी पेयजल परियोजनाएं बंद करनी पड़ीं। चाबा परियोजना में गाद भर जाने से अगले दो दिन तक पानी की आपूर्ति ठप रहने की संभावना है। अपर ढली, कनलोग, खलीनी-टुटीकंडी बाइपास, ओकओवर, बेनमोर वार्ड, मज्याठ और विकासनगर समेत कई इलाकों में भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएं दर्ज की गईं। विकासनगर में पेड़ गिरने से एक मकान को नुकसान हुआ, जबकि पंथाघाटी में भूस्खलन से एक घर खतरे में आ गया।

आईजीएमसी अस्पताल के पास नाले का मलबा और पानी सड़क पर आने से यातायात रुक गया और एक गाड़ी मलबे में दब गई। उपमंडल जुब्बल में लगातार बारिश और भूस्खलन को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान आज बंद रखे गए। ढली क्षेत्र में भूस्खलन से सड़क किनारे खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिनमें से एक गाड़ी मलबे के साथ पहाड़ी से नीचे लुढ़क गई।

शहर के अलग-अलग हिस्सों में भूस्खलन से 20 से अधिक सड़कें बंद हैं, चार वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, दो घर खतरे में हैं और एक मकान की छत ढह गई है। भट्टाकुफर सुरंग मार्ग के पास भी भूस्खलन हुआ है, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है।

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