Dharali Disaster : मलबे ने बढ़ाई परेशानी…धराली में शवों को खोजना हो रहा मुश्किल

धराली, नवीन उनियाल : स्निफर डॉग्स और तमाम उपकरणों की मदद लेने के बावजूद मलबे से शवों को निकालना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। सेना और SDRF की टीमें प्रशिक्षित डॉग्स के जरिए कई पॉइंट्स चिन्हित कर चुकी हैं, लेकिन दलदली जमीन और बड़े-बड़े बोल्डर के कारण वहां तक पहुंचना चुनौती बन गया है। अंदेशा है कि कुछ शव 30 से 40 फीट गहराई में दबे हो सकते हैं, लेकिन इतनी गहराई में सही स्थान का पता लगाना आसान नहीं है। यही वजह है कि मलबे के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालना अब लगभग असंभव नजर आ रहा है।

धराली में भारी मलबे से आई आपदा को एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन अब तक कुछ ही शव बरामद हो पाए हैं। उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने एक हफ्ते बाद 42 लोगों की गुमशुदगी की सूची जारी की है, जो आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। खीरगंगा से आया लाखों टन मलबा अब भी धराली बाजार के ऊपर जमा है। यह वही बाजार है, जहां 65 होटल, 30 से अधिक रिजॉर्ट, होमस्टे और कई दुकानें हुआ करती थीं। 25 से 40 फीट तक मलबा जमा होने से पूरा इलाका जमींदोज हो गया है।

भारी तबाही के बाद राहत और बचाव कार्य तो खत्म हो चुका है, लेकिन अब उससे भी कठिन सर्च ऑपरेशन का सामना किया जा रहा है। लाखों टन मलबे के नीचे कई शव होने की संभावना है, पर सेना और SDRF की टीमें भारी मशीनरी और स्निफर डॉग्स के बावजूद उन्हें खोज नहीं पा रही हैं। करीब 10 से ज्यादा स्थानों पर स्निफर डॉग्स ने शवों की मौजूदगी के संकेत दिए हैं, लेकिन गड्ढे खोदने पर शव नहीं मिल रहे। दलदली जमीन के कारण यहां बड़ी मशीनें जैसे जेसीबी या पोकलैंड पहुंचाना असंभव है। जवानों को भी खुदाई में कठिनाई हो रही है, क्योंकि भारी पत्थरों को हाथों से हटाना लगभग नामुमकिन है।

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