
महराजगंज तराई, बलरामपुर : गो-आश्रय केंद्रों में पशुओं को संरक्षित करने के नाम पर प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। विकास खंड तुलसीपुर के मुड़िला गो-आश्रय केंद्र में सूखा भूसा गोवंशों को परोसा जा रहा है। बिना दाना और हरे चारे के केवल सूखा भूसा गोवंशों के गले नहीं उतर रहा है। भूख से परेशान गोवंश सूखा भूसा चबाकर पेट भरने की कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को मौके पर देखा गया कि वहां एक पशु मृत पड़ा था।
सूखा भूसा खाने से गोवंशों की हालत जर्जर हो गई है। पशुओं को सूखे भूसे के साथ किसी भी प्रकार का दाना या हरा चारा नहीं दिया जा रहा है। पानी पिलाने के लिए बनाए गए माद में काई जम गई है। गोवंशों की सेवा के लिए प्रति पशु 50 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन चारा और दाना खिलाने की व्यवस्था केंद्र में कई दिनों से नहीं हो पा रही है।
गो-आश्रय केंद्र में दो केयरटेकर हैं। मौके पर मौजूद केयरटेकर अब्दुल्ला और मनोज ने बताया कि हरा चारा लगाया गया है और दाना रखा गया है।
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