
पयागपुर, बहराइच: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले के सभी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के आयु वर्ग के छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल कृमिनाशक दवा सोमवार को खिलाई गई। दवा खाने से वंचित बच्चों को मॉप-अप के तहत 14 अगस्त को दवा खिलाई जाएगी।
इस संबंध में सीएचसी पयागपुर के अधीक्षक डॉ. धीरेन्द्र तिवारी ने कहा कि एल्बेंडाजोल दवा एक सुरक्षित दवा है और इसका कोई भी साइड-इफेक्ट नहीं है। यह दवा पेट में कीड़ों को खत्म करने के लिए दी जाती है। उन्होंने बताया कि पेट में अधिक कीड़े होने की स्थिति में दवा लेने के बाद बच्चे को हल्का चक्कर या उल्टी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चे को घबराने की आवश्यकता नहीं है। बच्चे को थोड़े समय के लिए खुली हवा में लिटा दें तथा पानी पिलाएं। इसके बाद 5-7 मिनट में बच्चा सामान्य अवस्था में आ जाता है।
बीपीएम पयागपुर अनुपम शुक्ल ने कहा कि एल्बेंडाजोल दवा अनिवार्य रूप से बच्चों को दी जानी चाहिए। पेट में होने वाले कीड़े या कृमि से बच्चे के शरीर में पोषण की कमी होती है और शारीरिक व मानसिक विकास सही से नहीं हो पाता, जिससे बच्चे कमजोर हो जाते हैं। बच्चे के शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि एल्बेंडाजोल दवा का अभी तक कोई साइड-इफेक्ट ज्ञात नहीं हुआ है।
अभियान के अंतर्गत सभी सरकारी व निजी स्कूलों, मदरसों, आंगनबाड़ी केंद्रों पर तथा स्कूल न जाने वाले बच्चों को आशा वर्कर्स द्वारा गृह भ्रमण कर घरों पर दवा दी जाएगी। 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली और 3 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को 1 गोली चबाकर सेवन करनी है। अत्यधिक बीमार बच्चों को दवा सेवन से बचने की सलाह दी गई है।
इस कार्यक्रम में एआरओ अनुराग पाठक, एएनएम, आशा नोडल, अध्यापक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मुख्य रूप से विद्यालयों में उपस्थित रहे।
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