
मेरठ : हस्तिनापुर क्षेत्र में बाढ़ का कहर एक परिवार पर टूट पड़ा। भीकुंड गांव के समीप चांदपुर रोड पर गंगा में डूबे 30 वर्षीय जितेंद्र उर्फ लाला का शव सोमवार सुबह मिल गया। जितेंद्र रविवार दोपहर अपने तीन परिचितों के साथ नहाने गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वह बाढ़ के तेज बहाव में संतुलन खो बैठा और पानी में डूब गया। घटना के समय वह महज एक घंटे पहले ही अपनी ससुराल डबरा मेरठ से लौटे थे। रेस्क्यू टीम, पुलिस और ग्रामीणों की घंटों की तलाश के बाद युवक का शव बरामद किया गया। शव मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। जितेंद्र की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके दो छोटे बेटे यश 7 वर्ष और ऋषभ 3 वर्ष बार-बार पिता को पुकारते रहे। वर्तमान में परिवार मनोहरपुर कॉलोनी, हस्तिनापुर में रहता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कई दिनों से चेतावनी देने के बावजूद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव और गोताखोरों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। रक्षाबंधन के दिन भी कोई बचाव साधन मौजूद नहीं था। ग्रामीणों का मानना है कि अगर समय पर रेस्क्यू बोट और गोताखोर होते तो जितेंद्र की जान बचाई जा सकती थी। शव मिलने के बाद परिजनों ने अधिकारियों को घेरा।
पीड़ित परिवार को दी जाएगी आर्थिक सहायता
मवाना तहसीलदार ने बताया कि बाढ़ हादसे में मृतक के परिवार को शासन से चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही राहत राशि परिवार तक पहुंचाई जाएगी।
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