जनता पार्टी अध्यक्ष नवनीत चतुर्वेदी ने राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोपों को खारिज किया

नवनीत चतुर्वेदी अध्यक्ष जनता पार्टी ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर कल पोस्ट करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी के लगाए हुए चुनाव आयोग के ऊपर वोट चोरी के आरोप को भ्रामक और हताशा से भरा हुआ बताया।

उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि कर्नाटक सेंट्रल लोकसभा में कुल आठ विधानसभा है जिसमे एक गांधीनगर असेंबली है जहाँ से कांग्रेस विधायक आज सरकार में मंत्री है।
दिनेश गुंडूराव ये साहब २०२३ में अपनी विधानसभा सिर्फ़ १००-१२५ वोट के मार्जिन से जीते थे और आज कैबिनेट मंत्री है। लोकसभा चुनाव में इस इकलौती विधानसभा में बजाय कांग्रेस के भाजपा को बढ़त हासिल हुई है। यह मुख्य इम्पोर्टेंट बात नेता प्रतिपक्ष कहना जानबूझ कर भूल गए।

शेष सात विधानसभा सीटो पर जहाँ कहीं भी कांग्रेस का विधायक था लोकसभा में वहाँ कांग्रेस बढ़त पर थी और जहाँ भाजपा का विधायक था वहाँ भाजपा लोकसभा में बढ़त पर थी।

कायदे से मुद्दा बनना चाहिए था गांधीनगर विधानसभा के कैबिनेट मंत्री दिनेश गुंडूराव के ऊपर कि भाई आप यहाँ कैबिनेट रैंक के मंत्री है और आपकी असेंबली में भाजपा कैसे बढ़त बनाई ?? क्या इनकी जवाबदेही फिक्स की गई ?

लेकिन मुद्दा बनाया गया महादेवपुरा विधानसभा सीट को जो एससी रिज़र्व सीट है जहाँ पिछले चार बार से भाजपा का विधायक चुना गया है,पहले अरविंद निंबावली एमएलए थे और इस बार २०२३ में उनकी पत्नी यहाँ से भाजपा के टिकट पर विधायक बनी है। और उनकी जीत का मार्जिन २०२३ की विधानसभा में क़रीब क़रीब पचास हज़ार वोट का रहा है।

जिस विधानसभा में आलरेडी भाजपा Average 40-60000 vote मार्जिन पर जीतती आ रही है वो भी पिछले चार चुनावो से लगातार तो इस बार इस असेंबली में यहाँ की जनता ने बीजेपी को 1.14 lakh vote ज़्यादा दे दिए तो इसमें वोट चोरी कैसे हुई ??

बेंगलुरु सेंट्रल से लगातार पी सी मोहन साल २००९ से लोकसभा जीतते आ रहे है उन्होंने चौथी बार भी अपनी लोकसभा सीट २०२४ में बरकरार रखी वो भी ३२००० के मार्जिन पर तो इसमें वोट चोरी कैसे साबित हुई ?

अब आते है बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा में वोटिंग का आँकड़ा सिर्फ़ 52.81% था। इसके अंदर क्या चुनाव आयोग की गलती है या भाजपा की गलती है।
आपकी सरकार वहाँ थी आपके विधायक वहाँ थे आपने बंपर voting क्यों नहीं करवाई??
आप अपने वोटर्स को बूथ तक नहीं ला पाये तो इसमें वोट चोरी कैसे हुई ?

आपके अपने विधायक पार्षद सरपंच स्थानीय कार्यकर्ता बिक गए और उन्होंने अपने वोटर्स को बूथ पर नहीं आने दिया तो वोट चोरी कैसे हुई ?
गांधीनगर वाले विधायक जी जो इकलौते विधायक है जिनके एरिया में भाजपा बढ़त बनाई उनसे कोई जवाबदेही होगी या नहीं ?

भाजपा अपने वोटर्स को आइडेंटिफाई करती है उन्हें बूथ तक ले कर आती है उनका बूथ मैनेजमेंट अच्छा है तो इसका मतलब उन्होंने वोट चोरी कर लिया?

बेंगलुरु सेंट्रल में आठ विधानसभा में से पाँच पर कांग्रेस का विधायक है और तीन जगह बीजेपी का
यदि आपके पाँच विधायक जिसके अंदर एक कैबिनेट मंत्री भी है तो उन्हें एक्सेस ज़्यादा भरपूर वोटिंग % साठ-सत्तर % वोटिंग क्यों नहीं कराई गई ?

जब असेंबली चुनाव में इन्ही सीटो पर वोटिंग % ६५-७५ प्रतिशत तक था जाहिर है आपके यही विधायक घूम घूम कर वोटर्स को बूथ पर ला रहे थे न !! तो फिर एक साल बाद यहाँ वोटिंग सीधे दस प्रतिशत कम कैसे हुई? कौन कौन है इसके पीछे ?
अब वोटिंग % कम होगा तो रिजल्ट भी बदला हुआ आयेगा।

moral of story आपके वोट चोरी चुनाव आयोग नहीं करता आपके अपने लोग करते और करवाते है

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