
लखनऊ : थानों की कार्यप्रणाली इस प्रकार विकसित करें कि जनता का कोई भी व्यक्ति थाने पर निसंकोच आ कर अपनी शिकायत दर्ज करा सके। थानों पर अवांछनीय तत्वों का प्रवेश पूर्णतया बंद करा दिया जाये। डीजीपी राजीव कृष्णा ने साइबर अपराध,जनसुनवाई,प्रशिक्षण के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिये।
पुलिस महानिदेशक ने समीक्षा बैठक में कहा कि जनशिकायतों का निस्तारण का मूल्यांकन इन्फार्मेशन एवं डेटा के आधार पर करना होगा। वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन जनशिकायतों के समयबद्ध एवं गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण के आधार पर होगा इसी प्रकार जनपद प्रभारी भी अपने.अपने जनपदों के थाना प्रभारियों के कार्यों का मूल्यांकन जनशिकायतों के निस्तारण के आधार पर करें।
कोविड के बाद से साइबर अपराधों के प्रकरणों में वृद्धि हुयी है। पुलिस को भी अपनी क्षमता को उसी प्रकार उच्चीकृत किये जाने की आवश्यकता है।
थाने पर गठित साइबर सेल के सुदृढ़ीकरण और उनके कार्यों के बारे में निर्देश पहले से ही निर्गत किये जा चुके हैं जिनको पूरा करते हुए अगले 15 दिन के अंदर समस्त थानों पर साइबर सेल को सुदृढ़ करते हुये वरिष्ठ अधिकारी यह निश्चित करा लें कि साइबर सेल में दक्ष एवं भिज्ञ कर्मी ही नियुक्त हों। पुलिस अधिकारियों,कर्मचारियों को एनरोल करवा कर प्रशिक्षण की शुरुआत की जाए। इस दिशा में भी आगामी 15 दिनों के अंदर परिणाम परिलक्षित होने चाहिए।
फील्ड व पीएसी इकाइयों में नियुक्त कर्मियों को भी आपरेशनल एवं सिचुएशनल प्रशिक्षण प्रदान किया जाये। प्रशिक्षण एक कमॉण्ड जॉब है, जिसे वरिष्ठ अधिकारियों को ही अपने निकट पर्यवेक्षण एवं निर्देशन में कराना होगा। पुलिस महानिदेशक ने अपेक्षा की कि पुलिस अपनी कार्य संस्कृति में सुधार एवं परिवर्तन लायें तथा मुख्यालय द्वारा निर्गत सर्कुलरों एवं आदेशों,निर्देशों का अक्षरशः पालन कराया जाये।
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