निजीकरण के विरोध में तिरंगा लेकर निकले बिजली कर्मी

लखनऊ : पहले सबसे अधिक बिजली आपूर्ति और सबसे अधिक उपभोक्ताओं को बिजली देने का कीर्तिमान महाराष्ट्र के पास था । आठ वर्षों में बिजली कर्मियों के परिश्रम से आज उप्र देश में सबसे अधिक उपभोक्ताओं को सर्वाधिक बिजली आपूर्ति करने वाला प्रान्त बन गया है। यह सब कीर्तिमान बिजली के सार्वजनिक क्षेत्र में रहने के कारण ही बन पाये हैं।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने तिरंगा मार्च के दौरान आयोजित सभा में यह उद्गार व्यक्त किये।
अंग्रेजों भारत छोड़ो की पूर्व संध्या पर आज बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में कार्पोरेट घरानों सार्वजनिक क्षेत्र में पॉवर सेक्टर छोड़ो, अभियान चलाया। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मियों के पिछले आठ वर्षों के प्रयास का परिणाम है कि एटी एंड सी हानियां 41 प्रतिशत से घटकर 15प्रतिशत तक आ गई हैं जो राष्ट्रीय मानक है। अमर शहीदों के सपनों के भारत में बिजली मौलिक अधिकार होना चाहिए ।

किसानों, गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलना बहुत जरूरी है जो सार्वजनिक क्षेत्र में ही सम्भव है। निजी घरानों के लिये बिजली एक व्यापार है। निजीकरण हुआ तो विजन 2047 के बजाय प्रदेश लालटेन युग में चला जायेगा।

राजधानी लखनऊ में रेजिडेंसी लखनऊ में बिजली कर्मियों की सभा हुई जिसमें बिजली कर्मी तिरंगा लिए हुए थे। सभा के बाद बिजली कर्मी अमर शहीदों के जिंदाबाद के नारे लगाते हुए रैली के रूप में शहीद स्मारक तक गए। शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद सभा समाप्त हो गई।

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