
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के गंभीर आरोपों ने देश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस सांसद ने हाल ही में दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि कई राज्यों में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी और फर्जी वोटरों का खेल चल रहा है। इस बयान के बाद विपक्ष ने जहां चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर हमला तेज किया है, वहीं राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने भी इस मामले को लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया है।
“अगर यह सच है तो लोकतंत्र का अर्थ खत्म”
योगेंद्र यादव ने कहा कि वह 1977 से चुनाव देख रहे हैं और पिछले 35 साल से इस विषय पर लिखते और बोलते आ रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अब तक कई शिकायतें और आरोप देखे, लेकिन बिना ठोस प्रमाण कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया। यादव ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी नेता ने लाखों पन्नों के दस्तावेज़ों के साथ सबूत दिए हैं—जैसे कि एक विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख फर्जी वोटरों का मामला। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह गड़बड़ी पूरे देश में हो रही है, तो चुनाव और लोकतंत्र दोनों का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
“जांच के बजाय धमकी क्यों?”
यादव ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद बिहार में भी SIR (विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण) के नाम पर मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर हेरफेर हो रही है। उनके अनुसार, चुनाव आयोग को तुरंत निष्पक्ष जांच करनी चाहिए थी, लेकिन उल्टा विपक्ष को धमकाने जैसा रवैया अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि आयोग की यह प्रतिक्रिया, राहुल गांधी के संदेहों को और पुख्ता करती है।
चुनाव आयोग की साख पर सवाल
योगेंद्र यादव ने याद दिलाया कि वह दशकों से भारत की चुनावी प्रक्रिया का बचाव करते रहे हैं और दुनिया को भारत के चुनाव आयोग से सीख लेने की सलाह देते रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों ने तस्वीर बदल दी है और अब इस पर गंभीरता से विचार की जरूरत है।
राहुल गांधी के पांच आरोप
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग, बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर कर रहा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1,00,250 वोटों में गड़बड़ी पाई गई। राहुल के अनुसार, पांच तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं—
- डुप्लीकेट वोटर
- फर्जी पते
- एक पते पर कई वोटर
- अमान्य फोटो
- फॉर्म-6 का गलत इस्तेमाल
इसके अलावा, राहुल ने यह भी दावा किया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से मना कर दिया और सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने के नियम बदल दिए।
बीजेपी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और कांग्रेस पर चुनावी माहौल में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। वहीं, कई अन्य राजनीतिक हस्तियों ने भी इन दावों पर स्पष्ट जवाब मांगा है।
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