गाजियाबाद : कूड़े की बदबू और टूटी सड़कों से परेशान ग्रामीण, पूर्व विधायक ने छेड़ी शांतिपूर्ण लड़ाई

गाजियाबाद : नगर निगम द्वारा रजापुर ब्लॉक के ढबारसी गांव में बनाए गए डंपिंग ग्राउंड को लेकर गांववासियों ने विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन कर डंपरों को रोकने का प्रयास किया था। वहीं पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को जेल भेज दिया था।

डंपिंग ग्राउंड को लेकर आसपास के गांवों के लोगों द्वारा शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर इसे हटाने की मांग की गई है। गांववालों का कहना है कि लगातार कूड़े से भरे डंपरों की आवाजाही से सड़कों पर कूड़ा बिखर रहा है। साथ ही, कूड़े से उठने वाली दुर्गंध से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग बेहद परेशान हैं।

इसी समस्या को लेकर पूर्व विधायक असलम चौधरी ने शांतिपूर्ण तरीके से डंपिंग ग्राउंड को हटाने की मांग करते हुए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। वे धरना प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। पूर्व विधायक ने जानकारी दी कि ढबारसी गांव के अलावा निडोरी, निगरावठी, समयपुर, नूरपुर और नाहल जैसे गांवों को जोड़ने वाली नाहल रोड और ढबारसी रोड कूड़े से भरे डंपरों की आवाजाही के कारण क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और अब गड्ढों में तब्दील हो गई हैं।

बरसात के मौसम में सड़कों पर पानी जमा हो गया है और दुर्गंध बढ़ने से गांव में बीमारी फैलने की आशंका है। स्कूल जाने वाले बच्चे भी आए दिन घायल हो रहे हैं। इस विषय में जिलाधिकारी को पत्र लिखकर डंपिंग ग्राउंड हटाने की मांग की गई थी।

नगर निगम को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि यदि डंपिंग ग्राउंड नहीं हटाया गया, तो शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया जाएगा। अब धरने का तीसरा दिन है और पूर्व विधायक के नेतृत्व में गांववाले कूड़े से भरे डंपरों को रोक रहे हैं। किसी से कोई बदतमीजी नहीं की गई है और ना ही किसी को धमकाया गया है। केवल यह आग्रह किया गया कि जब तक अधिकारी से बातचीत नहीं हो जाती, तब तक डंपर गांव में न लाए जाएं।

ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और नगर निगम के खिलाफ नूरा कुश्ती का खेल जारी है।

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