
Shashi Tharoor : कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की है। थरूर ने कहा कि चीन भारत से अधिक रूसी तेल का आयात करता है फिर भी उसे छूट दी गई है। थरूर ने इसे दोहरा मापदंड बताया और कहा कि इससे अमेरिका में भारतीय सामान खरीदना मुश्किल होगा। उन्होंने सरकार को अन्य व्यापारिक साझेदारों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिन भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। अब अमेरिका कई भारतीय सामानों पर 50 फीसद टैरिफ लगाएगा। ट्रंप के इस फैसले का कांग्रेस नेता शशि थरूर ने खुलकर विरोध किया है।
रूस से तेल खरीदने पर ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की और इस दोहरे मापदंड की थरूर ने आलोचना की है। थरूर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में बहुत से लोगों के लिए हमारे सामान खरीदना मुश्किल होगा।
शशि थरूर ने कहा कि चीन भारत की तुलना में काफी ज्यादा रूसी तेल सहित कई अन्य सामग्रियों का आयात करता है, लेकिन उसे अमेरिकी टैरिफ से ’90 दिनों की छूट’ मिली है। उन्होंने कहा कि यूरेनियम, पैलेडियम, समेत कई ऐसी चीजें हैं जो अमेरिका रूस से ले रहा है और यही उसका दोहरा चेहरा है।
थरूर ने कहा कि चीन भारत से कई गुना ज्यादा तेल रूस से ले रहा है, लेकिन चीन को अमेरिका छूट दे रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि ट्रंप के होते हुए अमेरिका हमारे साथ दोस्ती निभायगा, लेकिन ये तो किसी भी तरीके से अच्छा व्यवहार नहीं है।
थरूर ने कहा कि अमेरिका ने जो टैरिफ लगाया है ये दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर भी असर डालेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब भारत के भीतर अमेरिकी निर्यात पर पारस्परिक टैरिफ लगाने का दबाव बनने की संभावना है।
थरूर का सरकार को सुझाव
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें इस चीज से सबक सीखना होगा। उन्होंन कहा , “मुझे लगता है कि निश्चित रूप से इस बात की संभावना है कि अब भारत के भीतर भी अमेरिकी निर्यात पर भारत को तुलनीय पारस्परिक टैरिफ लगाने का दबाव होगा। इसलिए मुझे लगता है कि हमें इन परिस्थितियों में अन्य व्यापारिक साझेदारों पर अधिक ध्यान देना होगा।”
शशि थरूर ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि हमें अब दूसरे बाजारों पर भी फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब हमें अन्य बाजारों में गंभीरता से विविधता लाने की जरूरत है जो हमारे सामानों में रुचि रखते हों। अब हमारा ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता है। हम यूरोपीय संघ से बात कर रहे हैं। ऐसे कई देश हैं जिनके साथ हम उम्मीद करते हैं कि हम ऐसा कर पाएंगे।
इससे पहले ट्रंप टैरिफ पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारा आयात बाजार के कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है।
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