
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली वासियों को अवाड़ा कुत्तों से राहत दिलाने के उद्देश्य से स्थायी समिति द्वारा गठित उप-समिति की दूसरी बैठक आज सम्पन्न हुई। यह बैठक पर्यावरणविद् व बीजेपी नेता मेनका गांधी तथा स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा की उपस्थिति में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उप-समिति के अध्यक्ष व स्थायी समिति के उपाध्यक्ष सुंदर सिंह ने की।
बैठक में निर्णय लिया गया कि (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटरों को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा, ताकि ऑपरेशनों के साथ-साथ कुत्तों के स्वास्थ्य की समुचित जांच, विशेषकर ब्लड टेस्ट आदि, समय पर हो सके। हर ज़ोन में एंटी रैबीज़ अवेयरनेस कैंप आयोजित किए जाएंगे, ताकि नागरिकों को जागरूक किया जा सके और रैबीज़ जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव सुनिश्चित हो। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि निगम द्वारा विभिन्न एनजीओ के साथ मिलकर संचालित इन केंद्रों में हर कुत्ते को एक माइक्रोचिप लगाने की योजना है जिसमें उनके स्टरिलाइजेशन की स्थिति व अन्य महत्वपूर्ण विवरण दर्ज होंगे। इससे भविष्य में निगरानी और ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। बैठक में निगम के वरिष्ठ अधिकारी व पार्षदगण उपस्थित थे
बैठक में उपस्थित मेनका गांधी ने भी निगम द्वारा संचालित (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटरों को और अधिक सुदृढ़ व सुसज्जित किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर चिकित्सा सुविधाओं, प्रशिक्षित स्टाफ, पर्याप्त संसाधनों और निगरानी प्रणाली को और बेहतर बनाया जाना चाहिए, ताकि स्टरलाइजेशन प्रक्रिया सुचारु, मानवीय और प्रभावी ढंग से संचालित की जा सके। गांधी ने यह भी सुझाव दिया कि विभिन्न पशु प्रेमी संगठनों, अनुभवी एनजीओ तथा स्थानीय नागरिकों के सहयोग से एक समावेशी और दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाए, जिससे समस्या का स्थायी और संवेदनशील समाधान संभव हो सके।
स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि निगम का उद्देश्य है की एक समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए पशु कल्याण और जनस्वास्थ्य के बीच संतुलन स्थापित करना है। लावारिस कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए हम सभी संबंधित एजेंसियों और विशेषज्ञों के सहयोग से इस दिशा में ठोस और प्रभावी कदम उठा रहे हैं।