
नई दिल्ली : 5G के सफल विस्तार के बाद अब भारत ने 6G टेक्नोलॉजी की दिशा में तेज़ कदम बढ़ा दिए हैं। हाल ही में Telecommunications Standards Development Society, India और भारत 6G एलायंस ने 6G नेटवर्क के विकास को गति देने के लिए आपसी साझेदारी की है। इस सहयोग का उद्देश्य भारत को 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्व दिलाना है।
दोनों संगठन अब मिलकर न केवल 6G के लिए तकनीकी मानक (Standards) तैयार करेंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानकारी साझा करने और भारत की प्राथमिकताओं को वैश्विक मंच पर रखने में भी अहम भूमिका निभाएंगे।
भारत 6G एलायंस के महानिदेशक राजेश कुमार पाठक ने इस साझेदारी को भारत की वैश्विक भागीदारी के लिहाज से अहम बताते हुए कहा कि, यह गठजोड़ न केवल 6G स्टैंडर्ड के विकास में भारत की भागीदारी को मजबूत करेगा, बल्कि 6G विजन को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है।
पीएम मोदी ने रखा था 6G विजन का आधार
मार्च 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत 6G विजन डॉक्यूमेंट जारी किया था, जिसका उद्देश्य था देश में 6G नेटवर्क को डिजाइन, विकसित और लागू करना। इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए भारत 6G एलायंस गठित किया गया, जिसमें घरेलू उद्योग, शिक्षा संस्थान, अनुसंधान संगठन और तकनीकी मानक एजेंसियां शामिल हैं।
क्या होगा फायदा
TSDSI और भारत 6G एलायंस की इस रणनीतिक साझेदारी से न केवल 6G टेक्नोलॉजी के विकास में तेजी आएगी, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर एक अग्रणी भूमिका निभाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, आने वाले वर्षों में देशवासियों को बेहतर, तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी का लाभ भी मिलेगा।
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