
बांदा : लगातार तीन दिनों तक जनपद से होकर गुजरने वाली केन और यमुना नदियों का जलस्तर थोड़ी देर के ठहराव के बाद आखिरकार घटने लगा है। बाढ़ के आसार कम होने से अब जिला प्रशासन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि अभी भी दर्जनों गांवों का संपर्क मुख्यालय से कटा हुआ है और लोग बाढ़ की विभीषिका के संभावित खतरे से परेशान हैं। केन और यमुना के घटने की रफ्तार काफी धीमी बताई जा रही है। बीते 12 घंटों में यमुना नदी के जलस्तर में जहाँ महज 20 सेमी की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं केन नदी में भी करीब इतनी ही कमी दर्ज की गई है। प्रशासन अभी भी एक्टिव मोड में है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। मुख्यालय से कानपुर, हमीरपुर आदि को जाने वाले सभी रास्ते ठप हैं और बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग अभी भी अपने गांवों में ही कैद हैं।
भले ही तबाही के मुहाने पर पहुंचने के बाद रविवार को केन और यमुना नदियों ने वापसी का रुख अपना लिया है, लेकिन अभी भी जिले के कई गांव टापू बने हुए हैं और लोगों की आवाजाही ठप है। बाढ़ से सर्वाधिक पीड़ित जिले की पैलानी तहसील के गांव हैं। यहां केन और यमुना दोनों नदियों की बाढ़ से गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं। पैलानी तहसील के चिल्ला, लौमर, पदारथपुर, तारा, नारायढ़, सिंधनकलां, शंकरपुरवा, महबरा, चंदवारा, खप्टिहाकलां, गौरीखुर्द, रेहुंटा, नरी, लसड़ा, बसधरी, अमचौली, बरेहटा, पैलानी, इटर्रा, अछरील, जोरवरपुर, मरझा समेत दर्जनों गांव और मजरे केन व यमुना नदी की बाढ़ से खासे प्रभावित हुए हैं। चिल्ला कस्बे में लगने वाली बाजार में तो नावें चलने लगी हैं। वहीं लोगों के घरों समेत कई स्कूल भी जलमग्न हो गए हैं।
एसडीएम पैलानी अंकित वर्मा, थानाध्यक्ष चिल्ला संदीप तिवारी, थानाध्यक्ष पैलानी व थानाध्यक्ष जसपुरा समेत सभी हल्का अफसर अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर बाढ़ का जायजा ले रहे हैं और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। शनिवार की दोपहर तक यमुना नदी पर बने चिल्ला पुल पर जलस्तर 102.75 मीटर तक पहुंच चुका था, जो कि खतरे के निशान से करीब तीन मीटर अधिक है। हालांकि रविवार की शाम चार बजे तक यमुना नदी का जलस्तर घटकर 102.34 मीटर तक पहुंच गया है। वहीं केन नदी भी खतरे के निशान के करीब 102.35 मीटर पर बह रही है।
उधर, जसपुरा क्षेत्र से निकलने वाली चंद्रायल नदी भी तांडव मचा रही है। क्षेत्र के तमाम गांवों में आवाजाही के लिए लोग नावों का सहारा ले रहे हैं। जबकि बांदा-बहराइच और बांदा-हमीरपुर मुख्य मार्ग पर नदियों का पानी ऊपर से बह रहा है, ऐसे में ये मार्ग आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं।
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