
11 मार्च 20211… ये वो तारीख थी जब एक शक्तिशाली भूकंप ने जापान की जड़े हिला दी थी। जापान के मुख्य द्वीप होन्शू के उत्तरपूर्वी तट पर इस भूकंप ने बड़ी क्षति की थी। भूकंप के चलते कई बड़े भूस्खलन हुए थे। जिससे तोहोकू और उससे सटे क्षेत्रोें में सुनामी मौत बनकर टूट पड़ी थी और कई तटीय इलाकों को तबाह कर दिया था। यहीं नहीं, उस साल जापान में आई सुनामी ने तट के किनारे बने एक बिजलीघर में बड़ी परमाणु घटना घटी थी। जापान में आई इस सुनामी का नाम टोहूकू रखा गया था।
वहीं, रूस में 8.0 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद जापान सहित 44 देशों में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। जिससे अब एक बार फिर जापान में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। जापान में अब तक की सबसे बड़ी सुनामी का संकेत दिया जा रहा है। जापान के साथ अमेरिका के हवाई में भी सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब क्योंकि 2011 में जब जापान में सुनामी आई थी तो सबसे ज्यादा प्रोमिनेंट असर अमेरिका के हवाई पर ही पड़ा था। इस दौरान जापान के साथ-साथ हवाई में भी हजारों की संख्या में लोग मारे गए थे। इसलिए लोगों को अभी से सुरक्षित जगह पर जाने को कहा गया है।

जापान में लोग डरे हुए हैं। लगातार सायरन बज रहे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा जा रहा है। लोगों को एक बार फिर सुनामी टोहूकू की याद आई गई और तबाही का मंजर आंखों के सामने छा गया। रूस में भूकंप के झटकों के बाद जापान के फुकुशिमा तक सुनामी की लहर पहुंच गई है। फुकुशिमा में जापान का न्यूक्लियर सेंटर है। समुंदर के किनारे लहों की जो ऊंचाई हे वो लगातार बढ़ रही है। जापान की सरकार लगातार वार्निंग को जारी कर रही है।
बता दें कि जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, साल 2011 में जापान में जब 9.0 की तीव्रता से शक्तिशाली समुद्री भूकंप आया था, तब भीषण तबाही हुई थी। जिसके बाद 40 मीटर तक ऊंची सुनामी लहरों ने देश के उत्तर-पूर्वी तटीय इलाकों को तबाह कर दिया था। सुनामी की ऊंची लहरों ने जापान में तबाही ही तबाही मचाई थी। सबसे ज्यादा नुकसान फुकुशिमा का में हुआ था। एक साथ कई लोगों की मौतें हो गई थीं। कई घर तबाह हो गए थे। लोग बेघर होकर बेबस हो गए थे। इस आपदा में 15,899 लोग मारे गए थे, जबकि 2,529 लोग आज तक लापता हैं। 4,00,000 से ज़्यादा लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े थे।
अब एक बार फिर से फुकुशिमा न्यूक्लियर सेंटर तक सुनामी की लहरें पहुंच गई है। फिर से जापान के फुकुशिमा में रह रहें लोगों की आंखों में तबाही की सुनामी दिख रही है, जो उन्हें डरा रही है। कहा जा रहा है कि इस बार जापान में सुनामी आएगी तो देश की स्थिति 2011 से ज्यादा खराब हो सकती है, जिसके लिए जापान तैयार भी नहीं है। एक रिपोर्ट में बाताया जा रहा है कि जापान के फुुकुशिमा में सुनामी की ऊंची-ऊंची लहरें 3 मीटर से भी ज्यादा ऊंची हो सकती है, जो ढाई घंटे के अंदर बड़ी तबाही मचा सकती है।

2011 की सुनामी के दौरान, फुकुशिमा डाइइची परमाणु संयंत्र में बड़ी दुर्घटना हुई थी, तब तीन रिएक्टर मेल्टडाउन का शिकार हो गए थे। जिससे भारी मात्रा में रेडियोधर्मी पदार्थ हवा और समुद्र में फैल गया था। इस हादसे को चर्नोबिल के बाद दुनिया की सबसे गंभीर परमाणु आपदा माना गया। उस घटना को ध्यान में रखते हुए इस बार पहले से ही फुकुशिमा में स्थित परमाणु संयंत्र पर काम रोक दिया गया है। कर्मचारियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा गया है। टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी ने बयान में कहा कि संयंत्र में कोई सुरक्षा खतरा नहीं है, लेकिन एहतियातन निकासी की गई है।
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