
श्रावण मास…एक ऐसा पावन समय जब भक्त भगवान शिव की भक्ति में डूब जाते हैं और आत्मा की शुद्धि के लिए ध्यान, व्रत और साधना का मार्ग अपनाते हैं। यह सिर्फ पूजा-पाठ का महीना नहीं, बल्कि खुद से जुड़ने और भीतर की यात्रा का भी अवसर है।
अगर आप इस सावन शोरगुल से दूर, किसी शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भरे स्थान की तलाश कर रहे हैं, तो भारत के ये 5 आध्यात्मिक आश्रम आपके लिए किसी तपोभूमि से कम नहीं। यहां योग, ध्यान, मंत्र साधना और आंतरिक शांति के अनुभव के साथ आप जीवन को नए दृष्टिकोण से देखना सीख सकते हैं।
1. परमार्थ निकेतन – ऋषिकेश, उत्तराखंड
पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित यह आश्रम शिवभक्तों के लिए एक दिव्य स्थल है। यहां प्रतिदिन होने वाली गंगा आरती, योग सत्र और ध्यान कार्यक्रम मन को एक अलग ही शांति प्रदान करते हैं। सावन में विशेष शिव आराधना और मंत्र साधना का आयोजन किया जाता है।
2. ईशा योग केंद्र – कोयंबटूर, तमिलनाडु
सद्गुरु द्वारा स्थापित यह योग केंद्र योग, ध्यान और ऊर्जा विज्ञान का संगम है। यहाँ स्थित 112 फीट ऊँची आदियोगी शिव प्रतिमा विश्वप्रसिद्ध है। सावन के दौरान यहाँ विशेष ध्यान साधनाएं और शिव के ध्यान सत्र आयोजित किए जाते हैं।
3. ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिसॉर्ट – पुणे, महाराष्ट्र
अगर आप ध्यान की पारंपरिक विधियों से कुछ अलग और गहराई में जाना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए है। ओशो की डायनामिक मेडिटेशन तकनीक यहां सिखाई जाती है। सावन में यहां गहन ध्यान रिट्रीट्स और आंतरिक जागरूकता पर केंद्रित विशेष सत्र आयोजित होते हैं।
4. रामकृष्ण मिशन आश्रम – बेलूर मठ, पश्चिम बंगाल
स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित यह आश्रम न केवल ध्यान और पूजा का केंद्र है, बल्कि सेवा, ज्ञान और भक्ति का संगम भी है। सावन में यहां विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा, मंत्रोच्चारण और भजनों का आयोजन होता है।
5. श्री अरविंद आश्रम – पुदुचेरी
यह आश्रम श्री अरविंद और ‘मां’ की शिक्षाओं पर आधारित ध्यान और साधना का केंद्र है। समुद्र तट के पास स्थित यह स्थान आत्मिक स्थिरता और गहरी शांति का प्रतीक है। सावन में यहां विशेष साधना, मौन ध्यान और आत्मचिंतन के लिए आदर्श वातावरण मिलता है।














