
नई दिल्ली : ब्रह्मांड के विशाल सन्नाटे में, धरती से करीब 8000 प्रकाश वर्ष दूर, दो सितारे मौत की ओर ऐसे बढ़ रहे हैं जैसे दो सांप एक-दूसरे में लिपटे हों। यह दुर्लभ खगोलीय दृश्य हमारी ही आकाशगंगा मिल्की वे में स्थित है और इसे जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने बेहद स्पष्ट और बारीकी से दर्ज किया है। यह खगोलीय घटना जितनी रहस्यमय है, उतनी ही भयावह भी जैसे अंतरिक्ष में मौत का तांडव हो रहा हो।
एपेप विनाश के देवता जैसा सिस्टम
इस रहस्यमयी तारा प्रणाली का नाम एपेप रखा गया है, जो प्राचीन मिस्र के नाग देवता थे और विनाश एवं अराजकता के प्रतीक माने जाते थे। पहली बार यह सिस्टम साल 2018 में खोजा गया था। उस वक्त वैज्ञानिकों ने माना था कि यह एक मरते हुए विशाल तारे और उसके साथी तारे के बीच की प्रणाली है, जैसा दृश्य ‘पिनव्हील नेबुला’ में देखने को मिलता है।
जेम्स वेब ने तोड़ा भ्रम, सामने आया असली सच
हालांकि, जेम्स वेब टेलिस्कोप द्वारा हाल में ली गई नई और अत्यधिक विस्तृत तस्वीरों ने इस अनुमान को गलत साबित कर दिया। वैज्ञानिकों को पता चला कि इस सिस्टम में एक नहीं, बल्कि दो मरते हुए तारे मौजूद हैं। इसके साथ ही एक तीसरा स्थिर और विशाल तारा भी है, जो इन दोनों के चारों ओर फैली धूल में एक खाली गुहा बना रहा है।
दिखता है जैसे सांप निगल रहा हो अपनी पूंछ
इस पूरे सिस्टम की आकृति कुछ ऐसी है मानो कोई सांप अपनी ही पूंछ को निगल रहा हो, जो इसे और भी अधिक रहस्यमयी और डरावना बनाता है। दो मरते हुए तारों के चारों ओर घूमती गैस और धूल की लहरें एक नागमयी संरचना तैयार करती हैं, जो वैज्ञानिकों को इस बात की गहराई से जांच करने को मजबूर कर रही है कि ऐसे तारा प्रणालियां ब्रह्मांड में कितनी आम हैं और उनका अंतिम स्वरूप क्या होगा।
वैज्ञानिकों के लिए नई पहेली
इस खोज ने खगोलशास्त्रियों के सामने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं। दो भारी-भरकम वोल्फ-रेएट सितारों की इस प्रणाली में मौजूदगी, उनकी तेज हवाएं और तीसरे तारे की भूमिका को लेकर शोधकर्ता उत्सुक हैं। यह खोज इस बात का भी संकेत देती है कि ब्रह्मांड में जीवन और मृत्यु का खेल कितनी भयावह और आश्चर्यजनक संरचनाएं तैयार करता है।
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