
हमीरपुर : वर्ष 2026 में होने वाले संभावित पंचायत चुनाव की हलचल तेज हो गई है। खास बात यह है कि जारी परिसीमन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसको देखते हुए 2021 की तर्ज पर चुनाव सम्पन्न कराए जाएंगे। ब्लॉक की एक भी सीट कम या ज्यादा नहीं होगी। इस बात की जानकारी खंड विकास अधिकारी विपिन कुमार ने देते हुए बताया कि 2021 में निर्धारित की गई सीटों पर ही चुनाव होगा। 2026 के चुनाव के लिए सीटों की संख्या में कोई बदलाव फिलहाल नहीं हुआ है। इसके बाद अब लोगों की निगाहें आरक्षण पर टिकी हुई हैं।
अगले साल मार्च-अप्रैल में संभावित पंचायत चुनावों को लेकर जमीनी हलचल नजर आने लगी है। पंचायती राज विभाग ने पंचायतों के परिसीमन और राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण की कवायद शुरू कर दी है।
पांच साल में प्रदेश के पंचायतों एवं निकायों के स्वरूप में काफी बदलाव हुआ है। नगर निगमों के विस्तार एवं नई नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के गठन ने ग्रामीण क्षेत्र के विस्तार को संकुचित किया है। इसका असर ग्राम पंचायतों एवं वार्डों की संख्या पर भी पड़ना तय है। यही कारण है कि पंचायतों को अंतिम स्वरूप देने के लिए पंचायती राज विभाग ने परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की है।
2021 में 57 ग्राम पंचायतों में हुए थे चुनाव
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में वर्ष 2021 में ब्लॉक की 57 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के चुनाव कराए गए थे। इन 57 ग्राम पंचायतों में कुल 741 ग्राम पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए। ब्लॉक में जिला पंचायत की कुल चार सीटें हैं। इनमें छानी, पौथिया, टेढ़ा सीटों में ब्लॉक की ग्राम पंचायतें शामिल हैं, जबकि इंगोहटा सीट में ब्लॉक के अलावा मौदहा ब्लॉक की एक दर्जन पंचायतें भी शामिल हैं। इस सीट पर दोनों ब्लॉकों के मतदाता वोट करके जिला पंचायत सदस्य बनाते हैं। ब्लॉक में कुल 84 क्षेत्र पंचायत सदस्य बनते हैं।
सपा ने बीजेपी को दी थी पटखनी
प्रस्तावित 2026 के चुनाव में 84 सदस्य निर्वाचित होंगे। 2021 के पंचायत चुनाव में यदि नजर डालें तो ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सपा ने कड़े मुकाबले में जीत हासिल कर किया था। दो वर्ष बाद ब्लॉक प्रमुख जय नारायण सिंह यादव सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। तब से अब तक वे भाजपाई हैं। जिला पंचायत सदस्य सीटों की बात की जाए तो चार सीटों में से पौथिया सीट भाजपा, टेढ़ा सीट बसपा और छानी सीट सपा ने जीती थी। इंगोहटा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी थी, जो बाद में निषाद पार्टी में शामिल होकर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़े थे।
उम्मीदवारों की निगाहें आरक्षण की ओर
अब जब यह स्पष्ट हो चुका है कि परिसीमन में कोई बदलाव नहीं होगा और 2021 में निश्चित हुई सीटों पर ही घमासान होगा, तो लोगों की निगाहें अब आरक्षण की ओर टिक गई हैं। आरक्षण घोषित होने के बाद संभावित उम्मीदवारों के मैदान में उतरने की राह तय होगी। इसके बाद संभावित उम्मीदवारों की सक्रियता बढ़ जाएगी। वे सुबह-शाम गांव की गलियों में घूमकर लोगों का हाल-चाल पूछने के साथ-साथ अपनी मजबूती का आकलन भी करने लगेंगे। जैसे ही आरक्षण लागू होगा, वे मैदान में आकर ताल ठोकने लगेंगे। खंड विकास अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि 2021 में निर्धारित की गई सीटों पर ही चुनाव होगा। 2026 के चुनाव के लिए सीटों की संख्या में कोई बदलाव फिलहाल नहीं हुआ है।
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