
चकराता: देशभर में दोहरी वोटर लिस्ट को लेकर चल रही बहस के बीच छावनी परिषद चकराता की वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का मामला सामने आया है। हाल ही में तैयार की गई वोटर लिस्ट में कई ऐसे नाम शामिल हैं, जो न तो चकराता क्षेत्र के निवासी हैं और न ही यहां स्थायी रूप से रह रहे हैं। स्थानीय लोगों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ बताते हुए लिस्ट की जांच और सुधार की मांग की है।
छावनी परिषद चकराता में कुल 6 वार्ड हैं, जिनमें हर छह माह में मतदाता सूची का संशोधन किया जाता है। परिषद द्वारा जारी की गई ताजा सूची में कई ऐसे लोगों के नाम दर्ज पाए गए हैं जिनका चकराता से कोई वास्ता नहीं है। इससे स्थानीय निवासियों में रोष है और निष्पक्ष चुनाव पर संदेह खड़ा हो गया है।
पूर्व सदस्य आनंद राणा,कमल रावत और पूर्व उपाध्यक्ष पंकज जैन ने वोटर लिस्ट की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सूची में उन लोगों के नाम भी शामिल हैं जिनका न तो यहां कोई मकान है, न ही स्थायी निवास। उन्होंने आरोप लगाया कि यह साजिशन किया गया है ताकि कुछ तत्व चुनाव को प्रभावित कर सकें।
छावनी परिषद के नियमों के अनुसार, वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के लिए व्यक्ति का कम से कम छह माह तक लगातार क्षेत्र में निवास करना अनिवार्य है। बावजूद इसके, लिस्ट में कई ऐसे नाम शामिल हैं जो इस मानक को पूरा नहीं करते। परिषद द्वारा आपत्तियां आमंत्रित किए जाने के बाद जब लोगों ने सूची का निरीक्षण किया तो कई अनियमितताएं सामने आईं।
परिषद सदस्य अनिल चांदना ने बताया कि उन्हें भी इस संबंध में शिकायतें मिली हैं और वे अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की संस्तुति देंगे। वहीं स्थानीय लोग अब इस मुद्दे को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।
इस संबंध में जब कार्यालय अधीक्षक संदीप जोशी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है। यदि कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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