
कागासन, जिसे अंग्रेज़ी में Crow Pose कहा जाता है, एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली योग मुद्रा है। “काग” का अर्थ होता है कौआ, और इस आसन में शरीर की स्थिति उसी तरह स्थिर और संतुलित रहती है जैसे कौवे की बैठने की मुद्रा। यह योग न सिर्फ शरीर को संतुलन और स्थिरता देता है, बल्कि मानसिक एकाग्रता और शांति भी प्रदान करता है।
अगर आप कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करते हैं या पीठ और घुटनों से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो कागासन आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। रोजाना सिर्फ 5 से 10 मिनट का अभ्यास पाचन तंत्र से लेकर मस्तिष्क तक सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
कैसे करें कागासन (Crow Pose)

- समतल जगह पर योगा मैट बिछाकर खड़े हो जाएं।
- पैरों को कंधे की चौड़ाई तक फैलाएं।
- धीरे-धीरे घुटनों को मोड़कर स्क्वाट की स्थिति में आएं।
- दोनों घुटनों को थोड़ा बाहर की ओर खोलें और हथेलियों को घुटनों पर टिकाएं।
- पीठ और गर्दन को सीधा रखें, आंखें बंद करें।
- गहरी सांस लें और छोड़ें।
- इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक बने रहें।
- धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।
आप चाहें तो इसे दिन में 2-3 बार दोहरा सकते हैं।
कागासन करने के प्रमुख फायदे

पाचन शक्ति में सुधार
यह आसन पेट की मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है जिससे कब्ज, गैस और अपच की समस्याओं में राहत मिलती है।
घुटनों और पैरों को बनाता है मजबूत
कागासन घुटनों की नसों और मांसपेशियों को मजबूत करता है, खासकर उम्रदराज़ लोगों के लिए यह बेहद फायदेमंद है।
रीढ़ की हड्डी को लचीलापन और मजबूती
इस मुद्रा में पीठ को सीधा रखने से स्पाइन की मजबूती और लचीलापन बढ़ता है, जिससे शरीर का पोस्चर सुधरता है।
मानसिक एकाग्रता और शांति
इस आसन में ध्यान केंद्रित करने से तनाव कम होता है और मानसिक थकान दूर होती है।
थायरॉइड और डायबिटीज के लिए लाभकारी
यह मुद्रा पाचन सुधारने और हार्मोन संतुलन में सहायक होती है, जिससे इन बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
सावधानियां जो जरूरी हैं
- यदि घुटनों में तेज दर्द हो तो इस आसन से बचें।
- स्लिप डिस्क या गंभीर रीढ़ की समस्या होने पर पहले डॉक्टर की सलाह लें।
- योग खाली पेट या भोजन के कम से कम 3 घंटे बाद करें।
ये भी पढ़े – Hariyali Teej 2025 : ये हैं दिल्ली के पौराणिक शिव मंदिर…जहां मात्र दर्शन करने से पूरी होती है हर मनोकामना