
- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बीएचयू के ईसी में राजनीतिक पदाधिकारियों की तैनाती का किया विरोध
- मेयर की ने पूर्व कुलपति कालूलाल श्रीमाली के बारे में टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद
लखनऊ। वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एक्जीक्यूटिव काउंसिल में बदलाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मेयर अशोक कुमार तिवारी की टिप्पणी से विवाद शुरू हुआ है, जिसमें उन्होंने पूर्व कुलपति कालूलाल श्रीमाली के बारे में टिप्पणी की है।
विवाद की जड़ में बीएचयू के ईसी में भाजपा व संघ से संबंधित राजनैतिक पदाधिकारियों की नियुक्ति है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस नियुक्ति का विरोध किया है और मांग की है कि इन पदाधिकारियों को ईसी से हटाया जाए और योग्य विद्वतजन और शिक्षाविदों को सदस्य बनाया जाए।
मेयर अशोक कुमार तिवारी की टिप्पणी को कालूलाल श्रीमाली का अपमान माना जा रहा है, जो एक प्रसिद्ध शिक्षाविद और देश के द्वितीय शिक्षामंत्री थे। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि मेयर की टिप्पणी न केवल श्रीमाली का अपमान है, बल्कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय और सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन जैसे महान व्यक्तियों का भी अपमान है।
कांग्रेस पार्टी की मांग है कि भाजपा से संबंधित राजनैतिक पदाधिकारियों को ईसी से हटाया जाए और योग्य विद्वतजन और शिक्षाविदों को सदस्य बनाया जाए। इससे महामना की वैश्विक सोच और संस्कार का सम्मान बना रहेगा।
बीएचयू के ईसी में बदलाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें मेयर अशोक कुमार तिवारी की टिप्पणी और भाजपा से संबंधित राजनैतिक पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर विरोध हो रहा है। कांग्रेस पार्टी की मांग है कि इन पदाधिकारियों को हटाया जाए और योग्य विद्वतजन और शिक्षाविदों को सदस्य बनाया जाए।