
देहरादून : देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक में आज शौर्य दिवस पर श्रद्धांजलि समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूतपूर्व सैनिकों और शहीद परिवारों के साथ मिलकर देश की रक्षा में प्राण न्योछावर करने वाले वीरों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 वीर सपूतों ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान नई पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा।
शौर्य दिवस पर इस भावपूर्ण कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों ने भाग लिया। इस अवसर पर कारगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य को नमन किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों के बलिदान को देश सदैव याद रखेगा। उन्होंने विशेष रूप से उत्तराखंड के वीर सपूतों के योगदान को याद किया, जिन्होंने कारगिल युद्ध में अग्रणी भूमिका निभाते हुए देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन शहीदों का बलिदान नई पीढ़ी को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैनिकों को एक बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने घोषणा की कि सैनिकों के बलिदानियों को मिलने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़कर 30 लाख कर दी गई है, परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि भी अब ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹1.5 करोड़ कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, उन्हें वार्षिक अनुदान राशि के रूप में ₹3 लाख मिलते रहेंगे। चमोली में ई सी एच एस सेंटर व नैनीताल में सैनिक विश्राम ग्रह की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का मान बढ़ाया है, जिस पर हमें गर्व है। उन्होंने उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी बताया और कहा कि एक छोटा राज्य होने के बावजूद, देश की रक्षा में उत्तराखंड का योगदान उल्लेखनीय रहा है। सैनिक परंपरा वाले उत्तराखंड में पीढ़ियों से लगभग हर परिवार से वीर और वीरांगनाएं देश की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस सैनिक परंपरा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व व्यक्त किया। ऑपरेशन सिंदूर से मेड इन इंडिया की ताकत को पूरे विश्व में देखा है। ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ चार दिन में भारत ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया यह हमारी सेवा की वीरता को दर्शाता है।
उन्होंने अंत में कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के सम्मान व कल्याण के लिए वचनबद्ध है। इस कार्यक्रम ने न केवल कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि हमारे वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का भी एक मंच प्रदान किया।