गाजियाबाद : आखिर ट्रांसफार्मर और बिजली के तारों में क्यों लग रही है आग? कहीं कर्मचारियों की लापरवाही तो कारण नहीं

गाजियाबाद। प्रदेश सरकार के विद्युत मंत्री द्वारा बिजली कर्मचारी और अधिकारियों के साथ एक मीटिंग कर काफी कुछ समझाने बुझाने के साथ-साथ उन्हें हिदायत देने का भी कार्य किया गया था। जब उपभोक्ता द्वारा समय पर बिजली का बिल जमा किया जा रहा है तो उनको परेशानी क्यों देने का कार्य किया गया। आखिर कुछ लोगों के बिल जमा ना करने पर अच्छे उपभोक्ता को परेशानी क्यों और इसको लेकर सभी बिजली के अधिकारियों को अल्टीमेटम देने का भी कार्य किया गया।

हालांकि बिजली मंत्री की पहल के बाद कहीं ना कहीं अधिकारियों में खलबली मची और कुछ सही करने का कार्य किया। इसी बीच कुछ बिजली के अधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं, पर निचले स्तर के अधिकारी सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से कहीं ना कहीं लापरवाही बरत रहे हैं। इसको लेकर भी विधुत मंत्री ने काफी कुछ कहा था, मगर लापरवाही लगातार बरती जा रही है। जिस कारण मुख्यमंत्री ने भी खुद मीटिंग कर स्पष्ट रूप से आदेश जारी किया कि अगर उपभोक्ता को परेशानी आई तो उसकी जिम्मेदारी बिजली विभाग के अधिकारियों की होगी, यानी कि कहीं ना कहीं सरकार उपभोक्ताओं के लिए बेहतर कार्य कर रही है। मगर निचले स्तर पर बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण उपभोक्ता काफी हताश व परेशान भी नजर आए हैं।

जेई अपने साथ लाते हैं अनुभवहीन कर्मचारी

स्थानीय लोगों के अनुसार बताया जा रहा है कि बड़ी परेशानी जब सामने आती है जब एक्सईइन और एसडीओ पूरी लगन और मेहनत के साथ कार्य करते हैं। मगर बिजली विभाग में जेई और उनके निचले स्तर के कर्मचारी जब लापरवाही बरतते हैं। कर्मचारियों के अनुभवहीन होने के चलते कर्मचारियों के वायर में फाल्ट या कहीं कुछ हो जाए तो उसमें समय लग जाता है, या यूं कहे की जर्जर हालत में तारों में फॉल्ट भी बड़ा कारण दिखाई दे रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह अनुभवहीन कर्मचारियों को ही माना जा रहा है। अगर अनुभवी कर्मचारी बिजली घर पर तैनात हो तो संभवत इस तरह की परेशानी को दूर कर लगाम लगाई जा सकती है और शासन के आदेश का पालन होता हुआ भी नजर आएगा।

आए दिन मिलती ट्रांसफार्मर में आग लगने की सूचना

बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार जर्जर हालत में तार भी बड़ा कारण है। जिसकी जिम्मेदारी बिजली विभाग के जेई की बनती है, अगर वह चाहे तो बिजली के तारों को जल्द बदलकर समस्या का समाधान कर सकते हैं। यहां तक की मुख्यमंत्री और विद्युत मंत्री द्वारा बिजली विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से आदेश भी जारी किए गए, अगर उपभोक्ताओ को परेशानी आएगी या बिजली में कटौती होगी तो इसकी जिम्मेदारी उनकी होगी।

मगर जिस तरह की लापरवाही लगातार कुछ जेई के द्वारा बरती जा रही है और कुछ जेई ऐसे हैं जो अपने साथ अपनी टीम को लेकर आते हैं। जिनमें अनुभव की कमी होती है। यह भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। कुछ अपने मनमर्जी से कार्य करते हुए शासन के आदेश का पालन नहीं कर रहे और शासन की कमी जनता में दिखाना चाहते हैं, यानी कि कहीं ना कहीं सरकार को बदनाम करने का उद्देश्य भी उनके अंदर पनप रहा है। जेई की लापरवाही और अनुभवहीन कर्मचारियों की वजह से विद्युत कटौती भी अक्सर देखी जा रही है।

जेई के साथ आने वाले कर्मियों को नहीं रहता है खंबों पर चढ़ने का ज्ञान

नाम न बताने की शर्त पर कुछ उपभोक्ताओं के अनुसार बताया जा रहा है कि कुछ जेई अपने साथ दूर दराज के कर्मचारियों को लाते हैं। जिनका कार्य सिर्फ एक सूत्रीय कार्यक्रम होता है, घर-घर चेकिंग के नाम पर कार्य करते हैं और फॉल्ट की कोई जानकारी नहीं होती। उन्हें बिजली के खम्बो पर चढ़ने का ज्ञान नहीं होता और उन्हें बिजली खभों पर चढ़ने से डर लगता है। जिस कारण से उन्हें सिर्फ चेकिंग के लिए ही अप्वॉइंट किया गया है। इस तरह की शिकायतें कई बार उपभोक्ताओ द्वारा अधिकारियों से भी की गई है। मगर शासन को बदनाम करने और सरकार की लापरवाही दर्शाने के उद्देश्य से इस तरह का कार्य होता नजर आता है।

अगर एक्सईइन और एसडीओ इस मामले की जांच कराए और उच्च स्तर पर बात को पहुंचाएं तो संभवत यह बड़ी लापरवाही सामने आएगी। क्योंकि अक्सर बिजली के तारों में फाल्ट होने से अनुभवी कर्मचारी जल्दी इसको सही करने का कार्य करते हैं। अनुभवहीन कर्मचारी जो खम्बो पर चढ़ना नहीं जानते जो सिर्फ चेकिंग के नाम पर ही कार्य कर रहे हैं, उससे कर्मचारियों की क्वांटिटी बढ़ रही है। क्वालिटी नहीं बढ़ रही।

बिजली विभाग के अधिकारियों को इस तरह के मामलों में स्पष्ट रूप से जांच पड़ताल करानी चाहिए और दूर-दराज से आने वाले कर्मचारी जो छोटा-मोटा फाल्ट होने पर भी नहीं आ पाते उस पर भी विशेष रूप से जांच पड़ताल करनी चाहिए। शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करने चाहिए। कुछ जेई शासन के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे बल्कि एक सूत्रीय कार्यक्रम में लगे रहते हैं। उनका मकसद सरकार को सिर्फ बदनाम करना होता है, इस मामले की जांच भी होनी चाहिए।

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