
मानसून जहां गर्मी से राहत देता है, वहीं कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी साथ लाता है। इस मौसम में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों, खासकर डेंगू और मलेरिया का खतरा तेजी से बढ़ जाता है, जिससे हर साल स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ता है।
भारत में डेंगू के मामले बढ़े, मलेरिया में गिरावट

2024 में देशभर में डेंगू के करीब 2.30 लाख मामले दर्ज हुए, जो 2019 के 1.57 लाख मामलों की तुलना में काफी अधिक हैं। वहीं मलेरिया के मामलों में 69% की गिरावट देखी गई है, जिससे भारत अब डब्ल्यूएचओ की मलेरिया उच्च-जोखिम सूची से बाहर हो गया है।
दिल्ली-एनसीआर में डेंगू का प्रकोप
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में डेंगू के मामलों में इजाफा हो रहा है। 20 अप्रैल तक दिल्ली में 118 मामले सामने आए हैं। गुरुग्राम और नोएडा जैसे क्षेत्रों में जलभराव के कारण डेंगू का खतरा और बढ़ा है। 20 जुलाई को गुरुग्राम में डेंगू के दो नए मरीज मिले।
लक्षणों की पहचान और भ्रम की स्थिति
डेंगू और मलेरिया के लक्षण मिलते-जुलते हैं, जिससे सही पहचान मुश्किल हो जाती है। दोनों बीमारियों में बुखार, कमजोरी और बदन दर्द आम हैं, लेकिन कुछ अंतर हैं:
- डेंगू: तेज बुखार (104°F तक), आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, और प्लेटलेट काउंट में गिरावट। गंभीर मामलों में अंदरूनी रक्तस्राव हो सकता है।
- मलेरिया: तेज बुखार के साथ कंपकंपी, सिरदर्द, उल्टी, डायरिया और आंखों में पीलापन।

डेंगू और मलेरिया में अंतर
- डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर रात में।
- डेंगू में कंपकंपी नहीं होती, जबकि मलेरिया में यह प्रमुख लक्षण है।
- डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं, जो इसे और खतरनाक बना देता है।
बचाव के उपाय
- घर और आसपास पानी जमा न होने दें, कूलर और बर्तनों की नियमित सफाई करें।
- दिन और रात दोनों समय मच्छरों से बचाव के उपाय करें।
- पूरी बाजू के कपड़े पहनें और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- बुखार, सिरदर्द, शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं।