
Bihar Voter List : मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान का ज़ोरदार बचाव करते हुए कहा है कि एक स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची निष्पक्ष चुनाव और मजबूत लोकतंत्र की नींव है। उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर गहरी आपत्ति जताई है।
CEC ने पूछा- क्या आप लिस्ट में मरे हुए लोगों के नाम चाहते हैं
न्यूज़18 को दिए एक साक्षात्कार में CEC ने सवाल उठाया – “क्या चुनाव आयोग को मृत व्यक्तियों को मतदाता सूची में बनाए रखना चाहिए? क्या डुप्लिकेट वोटर आईडी रखने वालों या विदेशी नागरिकों को सूची में जगह मिलनी चाहिए?” उन्होंने कहा कि इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और शुद्ध बनाना है, न कि किसी भी समुदाय को निशाना बनाना।
विपक्ष का आरोप- मताधिकार छीनने की साजिश
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इस अभियान की आड़ में 50 लाख से अधिक लोगों के वोटिंग अधिकार छीने जा सकते हैं। गुरुवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, RJD के तेजस्वी यादव, TMC, DMK, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों के कई सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अभियान गरीबों और हाशिए पर रहने वाले वर्गों को वोट देने से रोकने की साजिश है।
चुनाव आयोग ने जारी किया आंकड़ा
चुनाव आयोग के मुताबिक अब तक 56 लाख वोटरों को अयोग्य पाया गया है। इनमें शामिल हैं:
- 20 लाख मृतक मतदाता
- 28 लाख जो राज्य से बाहर चले गए हैं
- 7 लाख दो जगहों पर पंजीकृत हैं
- 1 लाख जिनका कोई वैध पता नहीं है
CEC ने पूछा, “क्या ऐसे लोगों को वोटर लिस्ट में बने रहना चाहिए?” उन्होंने दावा किया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और किसी विशेष समुदाय को लक्ष्य नहीं बनाया गया है।
बचे हुए वोटर्स को देना होगा दस्तावेज – ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान अब तक 57.48% गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 2003 की वोटर लिस्ट में शामिल 4.96 करोड़ मतदाताओं को कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ देने की आवश्यकता नहीं है। केवल बाकी बचे 3 करोड़ लोगों को अपनी जन्म तिथि या स्थान के लिए मान्य दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
SIR अभियान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को अभियान जारी रखने की अनुमति दी है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज़ पर्याप्त माने जाएं। कोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि यह प्रक्रिया सिर्फ बिहार में ही क्यों चल रही है, जबकि इसे देशव्यापी स्तर पर भी लागू किया जा सकता था।
तेजस्वी यादव ने कहा- चुनाव करेंगे बहिष्कार
RJD नेता तेजस्वी यादव ने संकेत दिया है कि अगर यह प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो वे आगामी चुनावों का बहिष्कार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर चुनाव पहले से ही तय हो जाएं कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा, तो ऐसे चुनाव का क्या महत्व रह जाता है?”
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