
Bihar Vidhan Sabha : बिहार विधानसभा का मानसून सत्र का तीसरा दिन चल रहा है, जिसमें विपक्षी दलें लगातार सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से, विपक्षी नेता काले कपड़े पहनकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। बिहार में मतदाता सूची संशोधन (SIR) को लेकर राजनीतिक गर्माहट तेज हो गई है। विपक्षी दल सदन के अंदर और बाहर लगातार एनडीए सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन और धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी नेता SIR को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
वहीं, सरकार का आरोप है कि विपक्ष को विकास और जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है, उनका मकसद सिर्फ सदन को बाधित करना है। जेडीयू के सांसद गिरधारी यादव ने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए तीखे तेवर दिखाए हैं।
जेडीयू के सांसद गिरधारी यादव ने अपनी ही पार्टी की लाइन के खिलाफ बोलते हुए कहा, “चुनाव आयोग को व्यावहारिक ज्ञान की जरूरत है। उन्हें बिहार का इतिहास नहीं पता है और न ही भौगोलिक जानकारी है। मुझे सभी जरूरी दस्तावेज जुटाने में दस दिन लग गए। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है, फिर वह एक महीने में दस्तखत कैसे कर सकता है? ये (SIR) हम पर जबरदस्ती थोपा गया है। इसे लागू करने के लिए कम से कम छह महीने का समय मिलना चाहिए था।”
गिरधारी यादव ने आगे कहा, “मैं अपनी व्यक्तिगत राय रख रहा हूं। पार्टी की बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। यह सच है। यदि मैं सच नहीं बोल सकता, तो मैं सांसद क्यों बना रहूं?”
बता दें कि सदन के बाहर विपक्षी विधायकों और पुलिस बल के बीच तीखी झड़पें भी देखने को मिलीं। विधानसभा में विपक्ष का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायक आज भी काले कपड़े पहने हुए थे और SIR मुद्दे पर विरोध कर रहे थे। उन्होंने मेन गेट को जाम कर दिया।
इसके बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और अन्य एनडीए सदस्यों ने दूसरे गेट से सदन में प्रवेश किया। इस दौरान, मार्शल और विपक्षी विधायकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। राजद के विधायक भाई वीरेंद्र का आरोप है कि नीतीश सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है।
आज इन विधेयकों को सदन में लाने की योजना थी। हंगामे के बीच, मंगलवार को कुल छह विधेयक स्वीकृत किए गए, जिनमें बिहार हिन्दू धर्म न्यास संशोधन विधेयक 2025 और बिहार माल एवं सेवा कर विधेयक 2025 शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आज छह और विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे, जिनमें बिहार कृषि विश्वविद्यालय, बिहार पशु प्रजनन विनियमन, जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय 2025, बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक कानून, बिहार दुकान और प्रतिष्ठान विधेयक 2025, और कारखाना बिहार संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं।
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