
चमोली : प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया के बीच चुनाव प्रचार भी जोरशोर से चल रहा है। चमोली जिले में स्थित भारत का सीमांत गांव माणा जो अब देश के प्रथम गांव के रूप में जाना जाता है। यहां के ग्रामीण प्रथम गांव बनने के बाद पहली बार पंचायत चुनाव के लिए वोट डालेंगे। भोटिया जनजाति के ग्रामीणों में इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह बना हुआ है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, कभी देश के अंतिम गांव कहे जाने वाले माणा गांव को प्रथम गांव का दर्जा देकर इसे नई पहचान दिलाई है। चमोली जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा ये गांव तब से विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है। और अब माणा गांव के लोगों की खुशियों में दोगुना इज़ाफा हुआ है। प्रथम गांव बनने के बाद यहां पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं। अपने मताधिकार का प्रयोग करने की खुशी, जोश और उत्साह ग्रामीणों में देखते ही बन रहा है। सबसे ज्यादा उत्साह महिलाओं और युवाओं में है। क्षेत्र पंचायत और प्रधान पद पर ग्रामीण अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में जबरदस्त तरीके चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लेकिन उद्देश्य सिर्फ एक है- गांव का उज्जवल भविष्य।
वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि प्रशासन द्वारा यहां चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रशासन की पूरी कोशिश है कि यहां निष्पक्ष और सौहार्दपूर्ण चुनाव संपन्न हो सके।
बाइट- संदीप तिवारी, ज़िला निर्वाचन अधिकारी, चमोली देश का प्रथम गांव बनने के बाद माणा गांव की किस्मत बदलने लगी है। यहां देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं जिससे रोजगार के अवसर भी खुले हैं। और अब माणा गांव पंचायत चुनाव के रंग में पूरी तरह रंग चुका है।