
पटना : बिहार विधानमंडल का पांच दिवसीय मानसून सत्र आज से शुरु हो रहा है। इस सत्र में नीतीश सरकार 12 विधेयक लाएगी। इनमें चार मूल जबकि आठ संशोधन विधेयक हैं। बिहार विधानसभा तथा बिहार विधान परिषद से इन्हें पारित करा सरकार शीघ्र ही विधेयकों को कानून की शक्ल में राज्य में लागू करेगी।
नीतीश सरकार के 17वीं विधानसभा के अंतिम पांच दिवसीय सत्र को पक्ष-विपक्ष अपने पाले में करने की तैयारी में हैं। विपक्ष जहां मतदाता पुनरीक्षण और विधि व्यवस्था के मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष भी विरोधियों के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। आज पहले दिन दोनों सदनों में लगभग 50 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।
विधानमंडल में 22 और 23 जुलाई को राजकीय विधेयक पेश किये जाएंगे। श्रम संसाधन विभाग के 4, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के 3, वित्त, पशु एवं मत्स्य संसाधन, नगर विकास एवं आवास, विधि और वाणिज्यकर विभागों के एक-एक विधेयक सरकार ला रही है।
सबसे महत्वपूर्ण विधेयक-जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025 है। इसके पास होने से राज्य के 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की घोषणा का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
इस सत्र में भूमि राजस्व से जुड़े तीन अहम विधेयक भी पेश होंगे। विशेष भूमि सर्वेक्षण बिल में सेटलमेंट आफिसर का निर्णय अंतिम होता था। अब प्रमंडल स्तर पर अपीलीय प्राधिकार होगा। शहरी क्षेत्रों में भी सर्वे का प्रावधान होगा। कृषि भूमि को अन्य कार्यों में उपयोग के लिए डीसीएलआर और समकक्ष पदाधिकारी भी नामित होंगे। जमीन दर तय करने का प्रावधान अब नियमावली से होगा।