
बहराइच : सूत्रों के माने तो हाउस होल्ड सर्वे, स्कूल चलो अभियान, प्रेरणा पोर्टल, डाटा फीडिंग, अभिभावकों के बैंक खाते जुटाना, यू डायस पोर्टल पर आंकड़े व सूचना भरने से लेकर विद्यार्थियों को यूनिफार्म दिलाने के लिए अभिभावकों की मान मनौव्वल, मिड डे मील, कम्पोजिट ग्रांट से खरीद, एसएमसी की बैठक और न जाने क्या-क्या। ऐसे ही 33 गैर शैक्षणिक कार्य हैं।
जिन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को परेशान कर रखा है। स्थिति यह है कि इन कार्यों के कारण शिक्षकों को उनके मूल शैक्षणिक कार्यों के लिए समय ही नहीं मिल पाता। जिससे शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्यो में जबरदस्त तरीके से उलझकर रह गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि पिछले सत्र से डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर डीबीटी ऐप के जरिए उनके ही मोबाइल व इंटरनेट डाटा से क्लर्क वाले काम भी लिए जाने लगे हैं। खातों की फीडिंग हो या विद्यार्थियों की फोटो अपलोड व दिनभर में ऐसे ही न जाने कितने कार्य उन्हें करने पड़ रहे हैं। जिस ओर न सरकार कोई ध्यान ही नहीं दे रही।
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