वाराणसी में गंगा ने धारण किया रौद्र रूप, जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब, प्रशासन अलर्ट

  • मणिकर्णिका घाट की गलियाें में नाव चलने की नौबत, जलस्तर चेतावनी बिंदू से कुछ ही सेंटीमीटर दूर

वाराणसी। वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे शहर के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गंगा और वरुणा नदियों की लहरें अब रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। तटवर्ती क्षेत्र में जनजीवन ठहर सा गया है। मणिकर्णिका घाट की गलियों में नौका चलने की नौबत आ गई है, वहीं जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज कुछ सेंटीमीटर दूर पहुंच गया है। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और जल पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य जारी है।

खतरे की ओर बढ़ता हुआ गंगा का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शनिवार रात 10 बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 70.06 मीटर तक पहुंच चुका था। रविवार सुबह यह बढ़कर 70.13 मीटर दर्ज किया गया, जबकि चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। जलस्तर में औसतन एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से वृद्धि हो रही है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं।

राहत शिविरों में पहुंचे सैकड़ों लोग

तहसील सदर के रामपुर ढाब और शहर के वरुणा नदी के किनारे बसे सात मोहल्ले – सलारपुर, सरैया, नक्खीघाट, ढेलवरिया, दनियालपुर, हुकुलगंज और बड़ी बाजार – सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, अब तक कुल 221 परिवार विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें से 97 परिवार (492 लोग) राहत शिविरों में और 124 परिवार (587 लोग) अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। शहर में चिन्हित 46 राहत शिविरों में से 10 क्रियाशील हैं, जिनमें प्रमुख रूप से प्राथमिक विद्यालय, सलारपुर,मदरसा बटलोहिया, नक्खीघाट,राम जानकी मंदिर, ढेलवरिया,दीप्ती कॉन्वेंट स्कूल, हुकुलगंज,सिटी गर्ल्स स्कूल, बड़ी बाजार,प्राथमिक विद्यालय रामपुर ढ़ाब है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 10 नावों के जरिए राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

घाटों पर अंतिम संस्कार में हो रही परेशानी

गंगा के बढ़ते जलस्तर से मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार में परेशानी हो रही हैं। मणिकर्णिका घाट की गलियों में पानी भरने से शवों को नाव से ऊपरी प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया जा रहा है। हरिश्चंद्र घाट की गलियों में ही शवदाह किया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार की सीढ़ियों तक भी पानी पहुंच गया है, जहां अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है। दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस कार्यालय पहले ही डूब चुका है। अस्सी घाट की सीढ़ियों को पार करते हुए गंगा का पानी अब गलियों तक पहुंच चुका है, जहां नियमित सायंकालीन गंगा आरती का आयोजन अब गलियों में ही किया जा रहा है।

सामने घाट पर निर्माणाधीन घाट जलमग्न हो गया है, जबकि मारुति नगर कॉलोनी में पीछे की ओर से पानी प्रवेश कर गया है। सारनाथ के पुलकोहना क्षेत्र में भी वरुणा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण नालों के जरिए बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच रहा है। लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर रहकर अपने घरों की निगरानी कर रहे हैं।

प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है और जलस्तर पर नजर रखते हुए सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। जल पुलिस, एनडीआरएफ, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

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