
महराजगंज। गौमाता की सेवा के नाम पर बनाई गई नगर पंचायत चौक की गौशाला आज कबाड़घर में तब्दील हो चुकी है। नगरवासियों का कहना है कि सरकार लाख दावे करे, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यह है कि यहां गोवंश से ज्यादा कबाड़ रखा गया है। नगरवासियों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हैं, नगर की साफ-सफाई और गौशाला के रखरखाव से कोई लेना-देना नहीं है। यहां तक कि एक साल से गौशाला में गायों की संख्या घटती जा रही है।
नगर पंचायत के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। उक्त खबर की जानकारी के लिए जब संवाददाता ने नगर पंचायत चौक के अधिशासी अधिकारी ओम प्रकाश यादव से जानकारी हासिल करने के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क किया, तो घंटी बजती रही लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के अधिकारी ही नहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी नगर पंचायत की दुर्दशा पर खामोश हैं।
नगर पंचायत चौक की जिस गौशाला में गाय का चारा होना चाहिए, उस गौशाला के अंदर मोबाइल टॉयलेट, जंग लगे ठेले-टेंपो, ट्रॉली, पानी की टंकी, टूटी गाड़ियां और लोहे के ढेर पड़े हैं और गंदगी फैली हुई है। गौशाला पर तैनात चौकीदार सुरेश वर्मा ने कबाड़ न रखने का विरोध किया तो नगर पंचायत के कर्मचारी ने कहा कि ईओ साहब कहे हैं। लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
सरकार के दावों की पोल खुली, ईओ साहब नहीं उठाते फोन
दैनिक भास्कर संवाददाता ने अधिशासी अधिकारी ओम प्रकाश यादव से जानकारी लेने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, लेकिन लगातार घंटी बजती रही, पर ईओ ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। लोगों ने बताया कि यहां के ईओ साहब कभी फोन नहीं उठाते हैं।
प्रदेश सरकार मंचों पर गौमाता सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के छावनी जाने वाले मार्ग पर स्थित नगर पंचायत चौक का यह हाल उन दावों को झूठा साबित कर रहा है। बीमार और बेसहारा गोवंश कचरे और गंदगी के बीच जान बचाने को मजबूर हैं। चारे और साफ-सफाई के लिए तड़पते हुए देखे जा सकते हैं।
दुर्गंध और संक्रमण का खतरा
कबाड़ और सड़ी गंदगी से दुर्गंध उठ रही है। बारिश के बाद पानी भरने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। आसपास के मोहल्लों में बीमारी फैलने का डर बना हुआ है। जिसको लेकर स्थानीय लोग संदीप राव, देवी गुप्ता, सोनू, विपुल, कौशल, खुशियाल, गुड्डू, सत्यम जायसवाल मांग कर रहे हैं कि गौशाला से कबाड़ तुरंत हटाया जाए, सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो। वरना आंदोलन करने को बाध्य होंगे।