इकरा हसन से अभद्रता मामले ने पकड़ा सियासी तूल, अखिलेश यादव ने ADM से कहा- सांसद का सम्मान नहीं करते जनता का क्या करेंगे…

Iqra Hassan : उत्तर प्रदेश के कैराना से सांसद इकरा हसन के साथ हुई अभद्रता का मामला तेज़ी से सुर्खियों में आ गया है। समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता इसके विरोध में उतर आए हैं। मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

शामली जिले की कैराना लोकसभा सीट से सांसद इकरा हसन के साथ हुई अभद्रता का मामला जोर पकड़ गया है। पार्टी समर्थक इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

इसके अलावा, पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि हम अपनी बेटी के साथ हैं। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष चौधरी अब्दुल वाहिद ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि कैराना सांसद और नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन के साथ हुई घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस मामले में एडीएम के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं, सपा के महानगर प्रभारी और पार्षद अभिषेक टिंकू अरोड़ा ने भी पत्र भेजकर कहा कि सांसद इकरा हसन और नगर पंचायत अध्यक्ष ने जनसमस्याओं को लेकर एडीएम से मिलने का प्रयास किया था, और उनके साथ इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फैसल सलमानी ने कहा कि यह पूरी घटना विपक्ष की राजनीति के लिए बहुत गंभीर है। इस मामले में उच्च अधिकारियों से मुलाकात की जाएगी।

अखिलेश यादव ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए फेसबुक और एक्स पर लिखा कि जो अधिकारी सांसद का सम्मान नहीं करता, वह जनता का सम्मान कैसे कर सकता है।

उन्होंने बताया कि 1 जुलाई को सांसद इकरा हसन और नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन एडीएम कार्यालय पहुंचीं थीं। इसके बाद, कैराना सांसद की शिकायत पर शासन ने जांच शुरू कर दी है। एडीएम संतोष बहादुर सिंह से भी जवाब मांगा गया है।

पूर्व विधायक माविया अली ने भी इस घटना पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अधिकारियों का दमन चरम पर है। उन्होंने कहा कि यह घटना राजनीतिक प्रेरित है और समर्थक इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं, पूर्व सभासद सिकंदर अली ने भी इस घटना की निंदा की है।

पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने फेसबुक पर लिखा कि कैराना सांसद, हमारी बेटी इकरा हसन के साथ हुई यह घटना बहुत निंदनीय है। सांसद का अपना प्रोटोकॉल होता है, और हम इस लड़ाई में अपनी बेटी के साथ हैं। इस पोस्ट पर भारी प्रतिक्रिया आ रही है, जिसमें इस घटना की निंदा की जा रही है।

एडीएम ने इस आरोप का खंडन किया है, उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें सांसद के कार्यालय में पहुंचने का पता चला, वे तुरंत वहां गए। उन्होंने बताया कि सांसद ने फोन नहीं उठाने पर नाराजगी जताई थी। शिकायत लिखित में नहीं दी गई थी, और केवल इतना ही वार्ता हुई थी कि उन्हें कार्यालय से बाहर जाने को कहा गया। उन्होंने इस पूरे मामले को निराधार बताया है।

सांसद इकरा हसन ने कहा कि वह अपने किसी काम से सहारनपुर गई थीं, जहां छुटमलपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष शमा परवीन ने अपनी परेशानी बताई। महिला और जनप्रतिनिधि होने के नाते, वह उनके साथ एडीएम से मिलीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि 3 बजे के बाद, एडीएम ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, जबकि अधिकारी सुबह 12 बजे से कार्यालय में उपस्थित नहीं थे। उन्होंने कहा कि योगी और मोदी सरकार बेटी बचाओ और महिला सशक्तिकरण का नारा दे रही है, लेकिन अधिकारी ने महिलाओं का अपमान किया।

सांसद ने मांग की है कि इस महिला विरोधी मानसिकता वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

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