पड़ोसी को लगी मिर्ची : जयशंकर-शी जिनपिंग मुलाकात से पाकिस्तान बेचैन, आतंकवाद और सीमा शांति पर क्या हुई बात?

बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुभकामनाएं पहुंचाईं. दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की, जिसमें जयशंकर ने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए नेतृत्व स्तर के मार्गदर्शन की आवश्यकता पर जोर दिया. इसे लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान को मिर्ची लग सकती है.

बैठक से एक दिन पहले जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी बातचीत की थी. हान ने पिछले वर्ष कज़ान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात को “सफल” बताते हुए दोनों देशों को एक-दूसरे की प्रगति में भागीदार बनने का आह्वान किया. जयशंकर ने SCO में आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की बात कही और सीमा पर शांति व स्थिरता को द्विपक्षीय रिश्तों के लिए अहम बताया. इसके अलावा, उन्होंने ट्रांसबाउंड्री नदियों पर सहयोग और हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. 

जयशंकर के दौरे की 10 बड़ी बातें

  1. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर भारत-चीन संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में चर्चा की.
  2. जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश और शुभकामनाएं औपचारिक रूप से पहुंचाई.
  3. यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) मंत्रीस्तरीय बैठक के दौरान हुई, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग के लिए अहम मंच है.
  4. जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में नेतृत्व के स्तर पर मार्गदर्शन और निरंतर संवाद की आवश्यकता को रेखांकित किया.
  5. बैठक से पहले जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने संबंधों को और गहरा करने पर जोर दिया.
  6. हान झेंग ने अक्टूबर में कज़ान में हुई शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात को “सफल” और रिश्तों का नया आरंभ बताया.
  7. जयशंकर ने SCO की प्राथमिकता का जिक्र करते हुए आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया.
  8. जयशंकर ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास के लिए सबसे अहम शर्त है.
  9. जयशंकर ने ट्रांसबाउंड्री नदियों पर सहयोग और चीन से हाइड्रोलॉजिकल डेटा की आपूर्ति फिर शुरू करने की मांग की.
  10. हान झेंग ने कहा कि चीन और भारत प्रमुख विकासशील राष्ट्र हैं और उन्हें एक-दूसरे की सफलता में साझेदार बनना चाहिए.

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