हरियाणा-गोवा को मिले नए राज्यपाल, जानिए कौन बनाया गया लद्दाख का LG, देखें लिस्ट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को तीन महत्वपूर्ण पदों पर नई नियुक्तियों की घोषणा की, जिसमें हरियाणा और गोवा के राज्यपालों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल का नाम भी शामिल है. इन बदलावों का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाना है.

हरियाणा को मिला नया राज्यपाल
हरियाणा राज्य के नए राज्यपाल के रूप में प्रोफेसर अशीम कुमार घोष की नियुक्ति की गई है. वे एक शिक्षाविद और प्रशासनिक अनुभव से समृद्ध व्यक्ति हैं. उनके चयन से यह संकेत मिलता है कि सरकार राज्य में शैक्षणिक और सामाजिक विकास को और अधिक प्राथमिकता देने जा रही है. घोष के पास अकादमिक क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है, और वे विभिन्न प्रशासनिक भूमिकाओं में भी सक्रिय रहे हैं. उनके नेतृत्व से उम्मीद की जा रही है कि वे राज्य के विकास को नई दिशा देंगे.

अशोक गजपति राजू गोवा के नए राज्यपाल
गोवा के नए राज्यपाल के रूप में पुसापति अशोक गजपति राजू की नियुक्ति की गई है. वे एक अनुभवी राजनेता हैं और पूर्व में केंद्रीय मंत्री के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. गोवा जैसे पर्यटन-प्रधान और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध राज्य के लिए एक अनुभवी व्यक्ति की नियुक्ति को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. राजू की गहरी प्रशासनिक समझ और राजनीतिक अनुभव से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे राज्य के शासन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएंगे.

लद्दाख को मिला नया उपराज्यपाल
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल के पद से ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने इस्तीफा दे दिया है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार कर लिया गया है. उनकी जगह अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता को लद्दाख का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है. गुप्ता एक अनुभवी नेता हैं और जम्मू-कश्मीर में विभिन्न प्रशासनिक दायित्वों को सफलतापूर्वक निभा चुके हैं. लद्दाख जैसे संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्र की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है. उनके अनुभव से क्षेत्र में स्थायित्व और विकास की गति को बल मिल सकता है.

नियुक्तियां जल्द होंगी प्रभावी
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में यह स्पष्ट किया गया है कि इन सभी पदों पर नियुक्तियां तभी प्रभाव में आएंगी, जब संबंधित व्यक्ति अपने-अपने पदों का कार्यभार औपचारिक रूप से ग्रहण करेंगे. यह प्रशासनिक परिवर्तन शासन व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है.

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