पहला सावन सोमवार : शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ये है सर्वश्रेष्ठ पूजा का समय

14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. भगवान शिव को सावन का महीना बहुत ही प्रिय होता है और इस माह में शिवजी की पूजा और आराधना करने पर विशेष फलों की प्राप्ति होती है. सावन में पूरे एक माह तक शिवजी का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और मंत्रोचार से पूजा होती है.. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी का सावन में पूजन करने से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. सावन माह पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है.

इस दिन व्रत रखते हुए सुबह से ही भगवान शिव का पूजन करने का विधान होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग सावन के हर एक दिन शिवजी का पूजन करने में असमर्थ होते हैं वे सावन माह में पड़ने वाले सोमवार के दिन व्रत रखते हुए शिव उपासना करके भोले नाथ को प्रसन्न कर सकते हैं. आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार पर कैसे करें शिवजी की पूजा, महत्व और शुभ मुहूर्त.

पहले सावन सोमवार पर शुभ योग

14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार बहुत ही शुभ योग में मनाया जाएगा. सावन के पहले सोमवार पर गजानन संकष्टी चतुर्थी का संयोग बनेगा. इसके अलावा सावन माह के पहले सोमवार पर आयुष्मान और सौभाग्य योग रहेगा. इसी के साथ शतभिषा नक्षत्र भी होगा. धार्मिक नजरिए से सावन के पहले सोमवार पर ये योग और नक्षत्र बहुत ही शुभ माना जाता है. 

सावन सोमवार शिव पूजन मुहूर्त

  • ब्रह्रा मुहूर्त- सुबह 04. 11 ए एम से 04 .52 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11.59 ए एम से 12.55 पीएम
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02. 45 पी एम से 03.40 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 07.20 पी एम से 07. 40 पी एम

सावन सोमवार पूजा विधि

सावन में सोमवार का व्रत रखना और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हुए विशेष रूप से पूजन-अर्चन करने का विशेष महत्व होता है. ऐसे में सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हुए साफ कपड़े पहनें. फिर पूजा का संकल्प लेते हुए अपने घर के पास स्थिति शिव मंदिर जाकर शिवजी के दर्शन करते हुए पूजा प्रारंभ करें. सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करते हुए जलाभिषेक करें. फिर सभी पूजन सामग्री गंगाजल, शुद्ध जल, शहद, घी, दूध, दही, गन्ने का रस और पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें. अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल और तिल अर्पित करते हुए आशीर्वाद प्राप्त करें. इसके बाद माता पार्वती समेत भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी महाराज को फूल और जल अर्पित करें. अंत में शिव चालीसा का पाठ और आरती करें.

सावन सोमवार का महत्व

हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है. सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है. सावन माह में भगवान शिव को गंगाजल, जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, शहद और फूल अर्पित करने का महत्व होता है. सावन माह में विशेष रूप से पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है. सावन सोमवार के दिन व्रत रखा जाता है और इस दिन अविवाहित कन्याएं मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए, विवाहित महिलाएं दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि और परिवार के संपन्नता के लिए व्रत रखती हैं. ऐसी मान्यता है सावन सोमवार पर व्रत रखने और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है और हर एक मनोकामना की पूर्ति होती है.

सावन सोमवार की तिथियां

  • पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
  • दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
  • तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
  • चौथा सोमवार- 04 अगस्त 2025

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