अमरनाथ यात्रा में पहलगाम से है भगवान शंकर से नाता, इस स्थान पर किया था बड़ा त्याग!

Amarnath Yatra 2025 : पवित्र अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ की तैयारियों के तहत इस बार की यात्रा के लिए पहलगाम में भव्य भूमि पूजन, पवित्र छड़ी पूजन और ध्वजारोहण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दशनामी अखाड़ा से छड़ी मुबारक के आगमन के साथ ही वातावरण शिवमय हो गया। यह स्थान भगवान शिव का विशेष संबंध माना जाता है, क्योंकि भगवान शिव का इस जगह से खास कनेक्शन है। अमरनाथ यात्रा के दो मुख्य मार्गों में से एक पहलगाम मार्ग है, जो श्रद्धालुओं की पहली पसंद है।

हर हर महादेव, जय-जय शंकर के जयघोष और पूजा की घंटियों के साथ पहलगाम में पूरा माहौल शिवभक्तिमय हो गया। जब श्री अमरनाथ यात्रा के लिए भूमि पूजन, पवित्र छड़ी पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण के लिए दशनामी अखाड़ा से छड़ी मुबारक का आगमन हुआ, तो पूरे क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण छा गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने भगवान शिव का जयकारा लगाया और पूरे क्षेत्र में भक्तिमय धुनें गूंजने लगीं।

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पास दो रास्ते हैं- बालटाल और पहलगाम। इन दोनों मार्गों में से, पहलगाम मार्ग को अधिक आसान और आरामदायक माना जाता है। यह मार्ग पारंपरिक और लंबा है, जिसकी लंबाई लगभग 32 किलोमीटर है। खास बात यह है कि यह रास्ता कम ढलान वाला होने के कारण बुजुर्ग और कम अनुभवी यात्रियों के लिए उपयुक्त माना जाता है। पहलगाम मार्ग से गुफा तक पहुंचने में लगभग 3 से 5 दिन का समय लगता है।

इस रास्ते पर कई प्रमुख पड़ाव आते हैं, जिनमें चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, शेषनाग और पंचतरणी शामिल हैं। यह मार्ग प्राकृतिक सुंदरताओं से भरपूर है और इसे अमरनाथ यात्रा का सबसे सुंदर रास्ता माना जाता है। कई श्रद्धालु इसे अधिक आरामदायक और पारंपरिक मार्ग भी मानते हैं।

इस वर्ष की यात्रा का शुभारंभ चार अगस्त को किया जाएगा। इसके पहले, हमने तीर्थयात्रा के शुभारंभ से संबंधित विभिन्न अनुष्ठान किए हैं। भगवान शिव से पूरे भारतवर्ष में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की गई। ईश्वर से विश्व समुदाय के कल्याण की प्रार्थना भी की गई है।

पवित्र छड़ी मुबारक चार अगस्त को दशनामी अखाड़ा से पहलगाम के लिए प्रस्थान करेगी। रास्ते में, सभी प्रमुख तीर्थस्थलों में छड़ी मुबारक पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा 4 और 5 अगस्त को पहलगाम में विश्राम के साथ पूरी होगी।

6 अगस्त को छड़ी मुबारक चंदनवाड़ी पहुंचेगी, 7 अगस्त को शेषनाग और 8 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम किया जाएगा। 9 अगस्त को, ‘श्रावण-पूर्णिमा’ के शुभ अवसर पर, छड़ी मुबारक अमरेश्वर धाम में प्रवेश करेगी।

उसी दिन, श्री अमरेश्वर धाम में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन और मुख्य दर्शन किया जाएगा। इसके बाद, छड़ी मुबारक वापस अपने स्थान को लौट जाएगी। इस पूरे आयोजन के दौरान श्रद्धालु और भक्तजन भगवान शिव की भक्ति में लीन रहेंगे और यात्रा को सफल बनाने के लिए शुभकामनाएं देंगे।

यह आयोजन श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत श्रद्धापूर्ण और भव्य तरीके से मनाया जा रहा है, जिसमें विश्वास है कि यह यात्रा सुख, शांति और समृद्धि का संदेश लेकर आएगी।

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