
कासगंज। जनपद कासगंज की समाजवादी युवजन सभा के पदाधिकारियों ने, प्रदेश के साढ़े सत्ताईस हजार स्कूल बंद कर बड़े शिफ्ट करने के संबंध में, राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है।
जिलाधिकारी मेधा रूपम को दिए ज्ञापन में, समाजबादी युवजन सभा के पदाधिकारियों ने बताया है कि, प्रदेश सरकार द्वारा साढ़े सत्ताईस हजार स्कूल बंद कर, गरीब लोगों के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूल मर्ज करने का जो आदेश दिया है, यह सरकार की विफलता का प्रतीक है। स्कूल दूर होने से, गरीब किसान और मजदूर अपने काम की वजह से बच्चे को स्कूल छोड़ने नहीं जाएंगे। यही नहीं, खेत और फसल के इर्द-गिर्द होने से, अकेले बच्चों के साथ दुर्घटना भी हो सकती है। इस निर्णय से, शिक्षा का स्तर घटेगा और निरक्षरता बढ़ेगी।
दो कमरों में प्राइमरी शिक्षा चलती है, अभी भी बीजेपी सरकार ने प्राइमरी शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिए, गांव में प्राइमरी स्कूल का शिक्षा स्तर गिर गया है। न बच्चों को कोई सुविधा मिली और अधिकांश समय प्राइमरी अध्यापक राजकीय कार्य, वोट बढ़ाने और अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं।
दिल्ली की पूर्व सरकार ने प्राइमरी शिक्षा पर ध्यान दिया, और पूरे विश्व में इसकी चर्चा हुई। लेकिन बीजेपी सरकार ने शिक्षा को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।
प्राइमरी स्कूल मर्ज होने से, एक लाख अध्यापकों की जगह खाली हो जाएगी। इससे, पचास हजार शिक्षा मित्र बेरोजगार हो जाएंगे। इन स्कूलों में, वही गरीब बच्चों पढ़ते हैं, जो प्राइवेट स्कूल की फीस नहीं दे पाते। इसलिए, सरकार से आग्रह है कि सभी प्राइमरी स्कूलों का मर्जर तत्काल रोका जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा, बच्चों को शिक्षा से वंचित करना, उनके मौलिक अधिकारों का हनन करना है। उन्होंने मांग की है कि, प्रदेश सरकार के द्वारा प्राइमरी स्कूल मर्ज करने के आदेश हर हाल में रुकवाए जाएं, ताकि, सर्व शिक्षा अभियान के तहत, सभी पढ़े-लिखे बच्चे आगे बढ़ सकें।
यदि सरकार द्वारा निर्णय नहीं बदला गया, तो हम सभी, पूरे उत्तर प्रदेश में, व्यापक आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
इस दौरान, जिलाध्यक्ष युवजन सभा रवि यादव, अभय यादव, सूर्यभान सिंह, उमेश चंद्र, राहुल, सोनू भंडारी, नरेश लोधी, जगदीश लोधी, सतीश चंद्र, अखिलेश यादव सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।