
चौक बाजार, महराजगंज। एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्राचीन धार्मिक स्थलों के विकास और संरक्षण को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं उन्हीं के छावनी क्षेत्र में स्थित प्राचीन काली माता मंदिर प्रशासनिक उपेक्षा और लापरवाही के कारण बदहाल स्थिति में पहुँच चुका है।
यह मंदिर नगर पंचायत चौक अंतर्गत ठेकी चौराहे से मुख्य बाजार की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित है, जो वर्षों से नाथ परंपरा से जुड़ा हुआ धार्मिक स्थल है। हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। लेकिन वर्तमान में मंदिर के चारों ओर फैली गंदगी, नालियों का बहता हुआ गंदा पानी और तालाब में जमा जलकुंभी के कारण यहां आस्था के साथ-साथ श्रद्धालुओं का आना भी दूभर हो गया है।
तालाब या सीवर? गंदगी से लबालब, दुर्गंध से लोग परेशान
मंदिर परिसर के सामने स्थित ऐतिहासिक तालाब में नगर की कई नालियों का गंदा पानी सीधा गिराया जा रहा है। तालाब की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है- पूरी सतह जलकुंभी से ढकी हुई है। आसपास प्लास्टिक कचरा,घरेलू गंदगी और दुर्गंध ने स्थानीय वातावरण को प्रदूषित कर रखा है। श्रद्धालु तो दूर,आम लोगों को भी वहाँ से गुजरना मुश्किल हो गया है।
मंदिर के आस-पास रहने वाले नागरिकों का कहना है कि इस गंदगी के चलते मच्छरों की भरमार है, बीमारियों का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बच्चे, बुज़ुर्ग, महिलाएं सभी परेशान हैं। लेकिन न नगर पंचायत सुधी ले रही है, न कोई जनप्रतिनिधि।
प्रशासनिक मौन शर्मनाक, आस्था से खिलवाड़ क्यों?
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि नगर के वरिष्ठ अधिकारी और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर पूरी तरह से मौन हैं। मंदिर की दुर्दशा को देखकर साफ लगता है कि न तो धार्मिक महत्व की परवाह है और न ही आम जनता के स्वास्थ्य की। एक तरफ सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, दूसरी ओर मुख्यमंत्री के अपने छावनी क्षेत्र का यह धार्मिक स्थल बर्बादी की ओर बढ़ रहा है।
जनता का सवाल- कब जगेगा प्रशासन?
स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं की ओर से यह सीधा सवाल है कि: क्या आस्था की कोई कीमत नहीं रह गई है? क्या मंदिर और उसके आसपास की सफाई की जिम्मेदारी किसी की नहीं है? क्या काली माता मंदिर सिर्फ चुनावी मंचों पर भाषण देने का विषय बनकर रह जाएगा।
मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
नगरवासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से सीधा हस्तक्षेप करने की मांग की है। नगर पंचायत के इंद्रजीत जायसवाल, हरिओम,राकेश गौड़,नीरज पाण्डेय,अरविंद शर्मा,कन्हैया गौड़,मनोज पटेल,रविंदर वर्मा,घनश्याम पटेल,घनश्याम वर्मा,संदीप राव,अनवर अली आदि लोगों का कहना है कि यदि मंदिर के चारों ओर फैली गंदगी, तालाब की सफाई और नालियों का पुनर्निर्देशन जल्द नहीं किया गया, तो वे प्रशासन के खिलाफ जन आंदोलन शुरू करेंगे।
यह सिर्फ एक मंदिर की बात नहीं है- यह बात है हमारी आस्था, हमारी संस्कृति, और हमारे स्वास्थ्य की। यदि सरकार व प्रशासन अब भी नहीं जागे, तो यह ऐतिहासिक मंदिर आने वाले वर्षों में सिर्फ तस्वीरों में ही बच पाएगा।