
Arunachal Pradesh CM : चीन अरुणाचल प्रदेश के बारे में कोई न कोई उकसाने वाला बयान देता रहता है। इसी बीच, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चीन को करारा जवाब देते हुए उसकी औकात दिखाई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अरुणाचल की सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्बत से लगती है, और हम तिब्बत के साथ अपना सीमा साझा करते हैं।
सीएम खांडू ने बीजिंग के बार-बार अरुणाचल पर दावा करने को गलत ठहराते हुए कहा कि यदि ऐतिहासिक नक्शे को देखा जाए, तो भारत के किसी भी राज्य की सीमा सीधे चीन से नहीं मिलती।
खांडू ने यह बयान धर्मशाला से लौटकर दिया, जहां वे दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह में भाग लेने गए थे। उन्होंने कहा कि तिब्बत आज भले ही चीन के कब्जे में हो, लेकिन ऐतिहासिक रूप से अरुणाचल तिब्बत से सीमा साझा करता आया है। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश तीन देशों के साथ सीमा साझा करता है- भूटान से लगभग 150 किलोमीटर, तिब्बत से और म्यांमार से करीब 550 किलोमीटर।
सीएम खांडू ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी के तिब्बती नाम यारलुंग त्संगपो पर बन रहे विशाल जलप्रपात (डैम) को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे एक वाटर बम करार दिया, जो अरुणाचल और पूर्वोत्तर भारत के लिए अस्तित्व का संकट बन सकता है। खांडू ने चेतावनी दी कि चीन किसी भी अंतरराष्ट्रीय जल संधि का हिस्सा नहीं है, इसलिए उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
खांडू के इस बयान ने भारत-चीन सीमा विवाद को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर अरुणाचल प्रदेश, ऐतिहासिक रूप से तिब्बत से सीमा साझा करता आया है, और इस संबंध में कोई भ्रम या गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने चीन की विस्तारवादी नीति और सीमा पर बनाए जा रहे डैम्स को लेकर चिंता व्यक्त की, जो क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।















