किसको-किसको आ रहें पीरिड्स? निजी स्कूल में कपड़े उतरवाकर छात्राओं को किया गया चेक, प्रिंसिपल गिरफ्तार

Maharashtra News : ठाणे के एक विद्यालय में बुधवार को हुई शर्मनाक घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाकर पीरियड्स चेक किया गया। स्कूल की प्रिंसिपल और अटेंडेंट (दोनों महिलाएं) को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि चार शिक्षिकाओं और दो ट्रस्टियों पर शौचालय में खून के धब्बे पाए जाने के बाद करीब 10 छात्राओं के कपड़े उतरवाने का मामला दर्ज किया गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई अभिभावकों के भारी विरोध के मद्देनजर की गई है, जिन्होंने स्कूल प्रबंधन और प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। सभी मामलों में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मामले की शुरुआत मंगलवार को हुई जब स्कूल के कर्मचारियों ने शौचालय में खून के धब्बे देखे और इसकी सूचना शिक्षकों और प्रधानाचार्य को दी। इन खून के धब्बों को देखकर स्कूल प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसकी जांच के लिए कक्षा 5 से 10वीं तक की छात्राओं को कन्वेंशन हॉल में बुलाया गया, जहां प्रोजेक्टर की मदद से उन्हें शौचालय और टाइलों पर लगे खून के धब्बों की तस्वीरें दिखाई गईं।

इसके बाद छात्राओं से पूछा गया कि कौन-कौन मासिक धर्म में हैं। शिक्षिकाओं ने हाथ उठाने वाली लड़कियों के अंगूठे के निशान सहित सभी विवरण दर्ज किए। इसके बाद उन्हें शौचालय ले जाया गया, जहां परिचारिकाओं ने उनके कपड़े उतरवाकर उनकी जांच की।

पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता माता-पिता में से एक की बेटी से आरोपी प्रिंसिपल ने पूछा कि जब उसे मासिक धर्म नहीं हो रहा है तो वह सैनिटरी पैड क्यों इस्तेमाल कर रही है। इस पर प्रिंसिपल ने नाबालिग लड़की पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और जबरन उसके अंगूठे का निशान ले लिया। घटना का यह कदम बच्चों में मानसिक उत्पीड़न का कारण बन रहा था।

छात्राएँ अपने घर वापस पहुंचीं और अपने माता-पिता को स्कूल में हुई आपबीती सुनाई। बुधवार को कई अभिभावकों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और कड़ी कार्रवाई की मांग की। एक मां ने कहा, “आरोपी का कृत्य लड़कियों के लिए मानसिक उत्पीड़न के समान है।”

पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी प्रिंसिपल, चार शिक्षिकाओं, अटेंडेंट और दो ट्रस्टियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही, गवाहों की पहचान कर रही है और छात्राओं से और साक्ष्य जुटा रही है।

अधिकारियों का कहना है कि जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और सम्मान का मामला है, जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

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