
दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति (PAC) की एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को समिति के अध्यक्ष अजय महावर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में पिछली आबकारी नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट और उस पर प्रस्तुत कार्रवाई रिपोर्ट की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही, समिति ने उन विभागों से स्पष्टीकरण मांगा है जिन्होंने अपने बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं किया है, ताकि इस संबंध में स्पष्टता प्राप्त की जा सके।
बैठक के दौरान दिल्ली की शराब आपूर्ति पर भी निष्पादन लेखा परीक्षा की समीक्षा की गई। पीएसी अध्यक्ष महावर ने आबकारी आयुक्त से पूछा कि जब नई नीति लागू होने के छह महीने बाद कैबिनेट ने मंजूरी दी, तो पहले ही लाइसेंसधारकों को काम करने की छूट किस आधार पर दी गई? इस सवाल के जवाब में अधिकारियों को निर्देश देते हुए महावर ने कहा कि अगली बार वे संबंधित मामले में सभी आवश्यक दस्तावेज, फाइलें और तथ्यों के साथ पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हों, ताकि चर्चा अधिक प्रभावी और पारदर्शी तरीके से की जा सके।
बैठक की शुरुआत में ही समिति ने आडिट पैरा मानिटरिंग सिस्टम (APMC) के कार्यान्वयन की स्थिति पर भी चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि यह प्रणाली 23 जून से लागू की गई है और परीक्षण के बाद इसे पूरी तरह सक्रिय किया जाएगा। इस सिस्टम के सक्रिय होने के बाद संबंधित अधिकारियों को सुधारात्मक कदम उठाने और पारदर्शिता बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
इस बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों ने चर्चा को भटकाने की कोशिश भी की, जिसके कारण कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित हुई। हालांकि, अध्यक्ष महावर और सदस्यों ने इन प्रयासों को नियंत्रित करते हुए बैठक को सुचारू रूप से चलाया। बैठक में पीएसी के सदस्य विधायक अरविंदर सिंह लवली, आतिशी, सतीश उपाध्याय, शिखा राय, वीरेंद्र कादयान और कुलदीप कुमार शामिल रहे।
वरिष्ठ अधिकारियों में महालेखाकार (ऑडिट), आबकारी आयुक्त, अपर मुख्य सचिव (वित्त) और दिल्ली विधानसभा सचिव भी बैठक में मौजूद थे। इस दो घंटे चली बैठक में प्रमुख एजेंडा बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पीएसी इस मामले में और विस्तृत समीक्षा के लिए कई बैठकें आयोजित करेगी। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की निरीक्षण और समीक्षा प्रक्रिया से दिल्ली सरकार की वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, और विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार होगा।