
- निजीकरण विरोध के सर्मथन में रेलवे, किसान संगठनों, बीएसएनएल कर्मियों ने दिया साथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की दो बिजली इकाइयों पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के विरोध में बुधवार सुबह से बिजली कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में हड़ताल की और जोरदार प्रदर्शन किया। बिजली कर्मचारियों के इस प्रदर्शन में रेलवे के नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन, बीएसएनएल, डाक विभाग, किसान संगठनों समेत दस विभागों ने बिजली विभाग की हड़ताल का समर्थन करते हुए इसमें प्रतिभाग किया और कर्मचारियों की एकता का एहसास कराया।
कर्मचारियों ने बिजली विभाग के प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि चाहे जितना जोर लगा लें, हम दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण नहीं होने देंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश में हड़ताल का नेतृत्व किया। राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर आयोजित प्रदर्शन को लेकर संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि कर्मचारी इस निजीकरण का लगातार विरोध कर रहे हैं, लेकिन प्रबंधन अपनी हठधर्मिता के चलते निजीकरण को नियम विरुद्ध करने पर आमादा है। फर्जी रूप से आंकड़े तैयार करके नियामक आयोग को भेजे गए हैं, जिस पर भी आयोग ने अपनी आपत्ति जताई है।
निजीकरण के लिए फर्जी सलाहकार फर्म से काम लिया जा रहा है। बिजली कर्मचारी किसी भी कीमत पर निजीकरण नहीं होने देंगे। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को समर्थन दे रहे नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि निजीकरण कर्मचारियों और स्वयं बिजली विभाग के हित में नहीं है। जहां कहीं भी निजीकरण हुआ है, वहां पहले से ज्यादा स्थितियां भयावह हो चुकी हैं।
राजधानी लखनऊ के कई बिजलीघरों में हड़ताल को लेकर सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ था और कई स्थानों पर पुलिस फोर्स भी तैनात थी।












