सरकारी अस्पताल में बंद रहा ताला, सीढ़ियों पर ही महिला ने दे दिया बच्चे को जन्म

फतेहपुर। जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। देवमई ब्लॉक के बकेवर कस्बे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) बकेवर के बाहर एक गर्भवती महिला ने सीढ़ियों पर ही बच्चे को जन्म दिया क्योंकि अस्पताल के कर्मी गायब थे और वहां ताला लटक रहा था। दर्द से कराहती महिला करीब दो घंटे तक मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन सरकारी सिस्टम नींद से नहीं जागा।

बता दें कि भोर पहर करीब तीन बजे बकेवर कस्बे की रहने वाली अनुराधा (25) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो वह अपने दो छोटे बच्चों के साथ पैदल ही महज 500 मीटर दूर स्थित PHC बकेवर पहुंची लेकिन वहां सन्नाटा था और गेट पर ताला लटका हुआ था। महिला दर्द से तड़पती रही, कभी गेट को पीटती तो कभी सीढ़ियों पर लेटकर मदद की आस लगाती रही। परिजनों ने 102 और 108 एंबुलेंस नंबर पर कई बार कॉल किए, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई।

इस दौरान न कोई एंबुलेंस आई, न कोई स्वास्थ्यकर्मी। करीब दो घंटे की पीड़ा के बाद सुबह करीब पांच बजे महिला ने अस्पताल की सीढ़ियों पर ही बच्चे को जन्म दिया। राहगीरों की नजर पड़ी तो मदद के लिए लोग जुटे। कुछ देर बाद महिला की मां और परिजन भी पहुंच गए। सुबह आठ बजे जब PHC स्टाफ अस्पताल पहुंचा, तब हड़कंप मच गया। महिला और नवजात को भर्ती कर उपचार शुरू किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि मां और बच्चा दोनों फिलहाल स्वस्थ हैं। इस घटना का एक वीडियो कस्बे के युवक ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

दैनिक भास्कर वीडियो की पुष्टि नहीं करता, लेकिन वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल में अक्सर रात में ताला लटकता रहता है और कोई भी इमरजेंसी में मदद के लिए मौजूद नहीं रहता। अब सवाल यह उठता है कि जिस अस्पताल का काम ही प्रसव जैसी आपात सेवाओं के लिए होता है, वहां रात में ताला क्यों लटकता रहता है और इसकी जिम्मेदारी कब तय होगी ?

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस बाबत PHC बकेवर प्रभारी डॉ. विमलेश कुमार ने बताया कि बकेवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम पुष्पा बीते 30 मई को सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। वर्तमान में डिलीवरी की जिम्मेदारी एमएससीपी रिया के पास है, जो अस्पताल परिसर के आवास में ही रहती हैं। घटना की रात ड्यूटी पर तैनात डाई ( प्राइवेट महिला कर्मी ) भी सोती रही, इस समय स्टाफ में केवल एक संविदा डॉक्टर सिखा कनौजिया तैनात हैं, जबकि फार्मासिस्ट का स्थानांतरण हो चुका है। जैसे ही सुबह हमें जानकारी मिली, हमने तत्काल जच्चा-बच्चा को भर्ती कर उपचार कराया। मामले में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की जाएगी। वहीं, एसीएमओ डॉ. इस्तियाक अहमद ने PHC प्रभारी से स्पष्टीकरण तलब करने की बात कही है।

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