
Bihar Chunav 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग के दामन पर अनियमित्ताओं के आरोप लग रहे हैं। ये आरोप बिहार चुनाव की वोटिंग लिस्ट को लेकर लगाए गए हैं। इस दौरान चुनाव आयोग (EC) ने 16 राजनीतिक पार्कियों को चेतावनी दे डाली है। आयोग ने इन राजनीतिक दलों पर चुनावी प्रक्रिया के नियमों का उल्लघंन का आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की है।
चुनाव आयोग ने 16 राजनीतिक दलों को दी नोटिस
चुनाव आयोग ने बिहार के 16 राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है, जिन्होंने 2019 के बाद से किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है। ये वो दल हैं जो अपनी राजनीतिक गतिविधियों से दूर हैं। बता दें कि इन दलों में गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल भी शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने इन दलों को नोटिस भेजकर 15 जुलाई तक जवाब देने को कहा है। इसके बाद चुनाव आयोग इन दलों को सूची से हटाने का कार्य करेगा। चुनाव आयोग ने 2019 के बाद से लोकसभा, विधानसभा या उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने वाले सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखा है। इन दलों को यह भी निर्देशित दिए गये हैं कि वे अपने निलंबित या निष्क्रिय रहने के कारणों पर जवाब दें।
क्यों चेतावनी दी गई?
चुनाव आयोग का मानना है कि पंजीकृत राजनीतिक दलों को सरकारी अनुदान, चुनाव प्रचार में विशेष छूट, निर्वाचन आयोग से संबद्धता जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं। अगर ये दल पिछले कई सालों से चुनाव में भाग नहीं ले रहे हैं और सक्रिय नहीं हैं, तो उनके इन लाभों का उपयोग करने का अधिकार खत्म हो सकता है।
इस संबंध में उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ऐसी जानी-पहचानी बात है कि कई दल अपनी गतिविधियों को सक्रिय न रखते हुए केवल नामांकन के लिए पंजीकृत हैं और चुनावी प्रक्रिया से दूर रहते हैं। इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है। इसलिए, ऐसे दलों को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि वे क्यों न उनका नाम चुनाव आयोग की सूची से हटा दिया जाए।
बता दें कि इन सभी राजनीतिक दलों को 15 जुलाई तक जवाब देने का समय दिया गया है। अगर वे संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं या अपने सक्रियता का कोई प्रमाण नहीं पेश करते हैं, तो चुनाव आयोग उन्हें सूची से हटा सकता है। इससे उन दलों का चुनावी गतिविधियों में हिस्सा लेने का अधिकार खत्म हो सकता है।